Live Hindustan : Dec 16, 2019, 11:56 AM
झुन्झुनू ,केंद्र सरकार द्वारा संचालित झुंझुनू की सैनिक स्कूल के छात्रों से दुष्कृत्य करने वाले शिक्षक रविंद्रसिंह शेखावत को पुलिस ने पोक्सो अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे जेल भेजने के आदेश दिये। शेखावत पर 12 बच्चों के साथ कुकर्म करने का आरोप है। पुलिस सूत्रों के अनुसार दो दिन तक पुलिस हिरासत में रहे शिक्षक ने कई खुलासे किए हैं। आरोपी शिक्षक झुंझुनू के ही कालीपहाड़ी गांव का रहने वाला है, उसका परिवार लंबे समय से बीकानेर में रह रहा है।संसद में गूंजा मामलाआरोपी शेखावत की किसी भी अधिवक्ता ने पैरवी नहीं की। झुंझुनू बार एसोसिएशन ने इस मामले में आरोपी की पैरवी नहीं करने का फैसला किया है। झुंझुनू का यह मामला न केवल, झुंझुनू और जयपुर, बल्कि दिल्ली में भी गूंजा। लोकसभा में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह मामला लोकसभा में उठाया और मांग की कि इसके लिए विशेष कमेटी का गठन करके जांच की जाए। आने वाले समय में ऐसे स्कूलों में बच्चियों को भी प्रवेश दिया जाएगा। पूर्व सांसद संतोष अहलावत ने आरोपी शिक्षक को फांसी देने की मांग की है।NDA एकेडमी चलाता था टीचरइससे पहले पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी शिक्षक बच्चों को अपने पास बुलाने से पहले उनके अभिभावकों को विश्वास में लेता था और उनसे बच्चे द्वारा पढ़ाई न करने की शिकायत करके एक्सट्रा क्लास के बहाने अपने पास अपने घर बुलाया करता था। कई बार तो वह जुमार्ना भी लगाता था। अब तक वह जुमार्ने के रूप में वह करीब 40 हजार रुपए ले चुका है। उसकी दो वर्ष का परिवीक्षा अवधि अगले वर्ष अप्रैल में पूरी होने वाली थी। स्कूल में उसकी अच्छे अध्यापक की छवि थी। इसके चलते उसे मुख्य शिक्षक बनाया गया था। फरवरी में उसे सम्मानित भी किया गया था। आरोपी इस स्कूल में आने से पहले जयपुर में डिफेंस एकेडमी ( National Defence Academy ) चलाता था।वृत्ताधिकारी ज्ञानसिंह ने बुधवार को बताया कि स्कूल के प्राचार्य मेजर अभिलाष सिंह की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर आरोपी शिक्षक रविन्द्र सिंह शेखावत को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। प्राप्त शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5,6,और 8 के तहत मामला दर्ज गिरफ्तार किया गया है।शिकायत पेटी में डाली गई शिकायत नहीं पहुंचने देता था प्रिंसिपल के पासशुरुआती जांच में पता चला है कि 35 वर्षीय कुकर्मी टीचर की पोल पहले ही खुल गई होती अगर शिकायत पेटी में डाली गई चिट्ठियां प्रिंसिपल तक पहुंच गई होती। टीचर इन शिकायतों को प्रिंसिपल तक नहीं पहुंचने देता था। चार बार उसने इस तरह की शिकायतें प्रिंसिपल तक नहीं पहुंचने दी। लेकिन जब एक छात्र ने खुद प्रिंसिपल के पास जाकर टीचर की हरकतों का पर्दाफाश किया तो वह नहीं बच सका।