IND vs AUS: मेलबर्न टेस्ट में भारतीय टीम की अप्रत्याशित हार ने न केवल भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को बल्कि विशेषज्ञों और खिलाड़ियों को भी सकते में डाल दिया। दूसरे सेशन तक भारत मजबूत स्थिति में था, और ऐसा लग रहा था कि मैच ड्रॉ हो जाएगा। लेकिन अंतिम सेशन में भारतीय टीम ने 20.4 ओवर में अपने 7 विकेट गंवाकर हार का सामना किया। इस हार के बाद हेड कोच और टीम मैनेजमेंट की प्रतिक्रिया बेहद सख्त रही।
कोच का फटकार भरा ड्रेसिंग रूम भाषण
मैच के बाद, भारतीय टीम के हेड कोच ने ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों को कड़ी फटकार लगाई। रिपोर्ट के अनुसार, कोच ने अपनी नाराज़गी स्पष्ट की लेकिन किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लिया। कोच ने यह भी संकेत दिया कि आगे से किसी भी खिलाड़ी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनका कहना था कि अब तक खिलाड़ियों को स्वतंत्रता दी गई थी, लेकिन अब टीम के हित में सख्त फैसले लिए जाएंगे।
गौतम गंभीर की चेतावनी
भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने टीम के प्रदर्शन पर गहरी नाराजगी जाहिर की। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने खिलाड़ियों के साथ एक मीटिंग आयोजित की, जहां उन्होंने गेम प्लान से भटकने और गैर-जिम्मेदाराना शॉट्स खेलने पर नाराज़गी व्यक्त की। गंभीर ने साफ कर दिया कि अब नेचुरल गेम के नाम पर मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।उन्होंने खिलाड़ियों को चेताया कि जो भी टीम की रणनीति से हटकर खेलेगा, उसे टीम से बाहर कर दिया जाएगा। गंभीर ने खिलाड़ियों को यह भी याद दिलाया कि परिस्थितियों के अनुसार खेलने की आवश्यकता होती है, और व्यक्तिगत प्रदर्शन से अधिक महत्वपूर्ण टीम का सामूहिक हित है।
खिलाड़ियों की गलतियां जो हार की वजह बनीं
मैच के आखिरी दिन भारतीय टीम को 340 रनों का लक्ष्य मिला था। हालांकि, शुरुआत में यशस्वी जायसवाल और रोहित शर्मा ने पिच पर टिककर खेला। लेकिन रोहित ने जल्दबाजी में खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया। विराट कोहली भी ऑफ साइड की गेंदों पर छेड़छाड़ करते हुए आउट हुए, जिससे टीम बैकफुट पर आ गई।ऋषभ पंत, जो दूसरे सेशन तक शानदार डिफेंस का प्रदर्शन कर रहे थे, तीसरे सेशन में गैर-जिम्मेदाराना शॉट खेलकर आउट हो गए। पंत की लापरवाही दोनों पारियों में टीम के लिए नुकसानदायक साबित हुई। यशस्वी जायसवाल भी फील्ड सेटअप को नजरअंदाज करते हुए पुल शॉट खेलकर आउट हो गए।
आगे की रणनीति
इस हार के बाद भारतीय टीम के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है। हेड कोच और मैनेजमेंट ने यह साफ कर दिया है कि अनुशासनहीनता और रणनीति से हटकर खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। टीम को अब परिस्थितियों के अनुसार खेलने और सामूहिक प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करना होगा।मेलबर्न टेस्ट की यह हार भारतीय क्रिकेट के लिए एक कड़वा अनुभव है, लेकिन यह भी सच है कि कठिन समय में ही मजबूत टीम तैयार होती है। भारतीय टीम के पास अपनी गलतियों से सीखने और मजबूत वापसी करने का पूरा मौका है।