देश / सुनिश्चित करें क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में न जाए जो युवाओं को बिगाड़ सकते हैं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिडनी डायलॉग में कहा, "लोकतांत्रिक देशों को भविष्य की तकनीक के शोध एवं विकास में मिलकर निवेश करना चाहिए।" उन्होंने कहा, "सभी लोकतांत्रिक देशों को क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन पर मिलकर काम करना होगा...जिससे सुनिश्चित हो सके कि यह गलत हाथों में जाकर हमारे युवाओं को न बिगाड़े...टेक्नोलॉजी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं।"

Vikrant Shekhawat : Nov 18, 2021, 12:38 PM
नई दिल्ली: गुरुवार को सिडनी डायलॉग के दौरान संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों को आगाह करते हुए कहा कि हमें मिलकर इस बात पर ध्यान देना होगा कि यह डिजिटल मुद्रा गलत हाथों में न चली जाए। प्रधानमंत्री ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर मिलकर काम करने का आग्रह किया। 

बिटक्वाइन का उदाहरण देकर किया आग्रह

गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने सिडनी डायलॉग को संबोधित किया। पीएम मोदी ने बिटक्वाइन का उदाहरण देते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे तकनीकी नवाचारों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए यह बेहद जरूरी हो जाता है कि बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्रा कहीं गलत हाथों में न चली जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है।

पीएम मोदी बोल- दुरुपयोग रोकना जरूरी

प्रौद्योगिकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा का एक प्रमुख साधन बन गई है और भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने की कुंजी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। हमें निहित स्वार्थों को इस खुलेपन का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए।

भारत में बहस का केंद्र क्रिप्टोकरेंसी

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जोर-शोर से विचार-विमर्श चल रहा है। एक तरफ जहां आरबीआई गवर्नर ने इसे एक बड़ा खतरा करार दिया है, तो दूसरी ओर हाल ही में संसदीय पैनल की बैठक के दौरान कहा चर्चा में कहा गया कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है और अगला कदम इसे विनियमित करने के तरीके खोजने का होना चाहिए।

देश में क्रिप्टो का भविष्य सुनहरा 

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका की तरह ही भारत में विटक्वाइन का भविष्य सुनहरा है। यह ऐसा एसेट है जो कुछ सालों में बड़े पैमाने पर दिखेगा। भारत के पास ये मौका है कि क्रिप्टो को लेकर जागरुकता फैलाई जाए और ताकि इसकी तकनीक को समझा जा सके। ऐसा होने पर निश्चित तौर पर भारत में इससे निवेशकों को फायदा मिलेगा।