देश / उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों की निकासी सुनिश्चित करें: अधिकारियों से पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात यास के मद्देनज़र केंद्र व राज्यों की तैयारी की समीक्षा के लिए रविवार को उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों की समय पर निकासी सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चक्रवात के कारण कोविड-19 मरीज़ों के इलाज पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।

Vikrant Shekhawat : May 23, 2021, 04:23 PM
नई दिल्ली: चक्रवात यास से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए आज पीएम मोदी ने  एक बैठक की जिसमें कई मंत्री और अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में पीएम मोदी ने अधिकारियों से अपतटीय गतिविधियों में शामिल लोगों को समय पर निकालने के लिए कहा है।

पीएमओ ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने 46 टीमों को पहले से तैनात किया है। चक्रवात यासो से निपटने के लिए आज 13 टीमों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कार्यलय ने चक्रवात यास से निपटने की तैयारियों पर कहा कि भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना ने राहत, खोज, बचाव कार्यों के लिए जहाजों, हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है।

पीएम मोदी ने अधिकारियों से बिजली, टेलीफोन नेटवर्क के समय को कम करने के लिए कहा है। बता दें कि  भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के चक्रवाती तूफान 'यास में बदलने की संभावना है और उसके 26 मई को पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा तट पर पहुंचने का अनुमान है।

अति गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है 'यास

पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर शनिवार को कम दबाव का क्षेत्र बना जो प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और 26 मई को यह पश्चिम बंगाल, ओडिशा के उत्तरी क्षेत्र और बांग्लादेश के तटों की तरफ मुड़ सकता है। यह जानकारी क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग ने दी है। 

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जी. के. दास ने कहा कि 26 मई की शाम तक यह तूफान दोनों राज्यों और पड़ोसी देशों के तटों को पार कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान पश्चिम बंगाल, ओडिशा के उत्तरी हिस्सों और बांग्लादेश के तट पर 26 मई की दोपहर हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है।

रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय नौसेना ने अपने पोतों और विमानों को तैयार रखा है ताकि प्रभावित इलाकों में सहायता पहुंचाई जा सके।