Vikrant Shekhawat : Aug 28, 2019, 02:42 PM
उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने कहा है कि श्रम बल में शामिल मौजूदा और नए लोगों को कुशल बनाने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण में औद्योगिक इकाइयों से मदद की मांग करें। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को युवाओं में कुशलता और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए भी कहें। उपराष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम (एपीएसएसडीसी) की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 21वीं सदी में नौकरी पाने के लिए युवाओं को आवश्यक कौशल और ज्ञान से पूर्ण करने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश में तीव्र आर्थिक विकास के लिए कुशल कार्य बल अति आवश्यक है।
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्वर्ण भारत ट्रस्ट परिसर में आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने बताया कि यही समय है जब भारत युवाओं को कुशल बनाकर अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठा सकता है।
समाज के विभिन्न क्षेत्रों में समाहित प्रतिभा की ओर इशारा करते हुए नायडू ने कहा कि युवाओं को प्रशिक्षित करने और तेजी से बदलते प्रौद्योगिकीय माहौल के अनुकूल उनमें कौशल विकसित करने की जरूरत है। आने वाले वर्षों में भारत के तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर होने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार और सीआईआई, फिक्की, एसोचैम जैसे विभिन्न औद्योगिक इकाइयों को श्रम बल में मौजूदा और नए लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए बुनियादी संरचना का निर्माण करना है।
उपराष्ट्रपति ने न्यायसंगत विकास के संदर्भ में शहरी-ग्रामीण विभाजन को कम करने और युवाओं एवं छात्रों को कुशल बनाने हेतु अवसर पैदा करने के लिए कारगर कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यथास्थिति को हटाने के लिए युवाओं की प्रतिभा को निखारना होगा और नवोन्वेष के लिए उचित वातावरण बनाना होगा। उन्होंने कौशल विकास को राष्ट्रीय मिशन की तरह चलाने के कुछ उपाय सुझाए और युवाओं, महिलाओं एवं छात्रों को नवोन्वेष को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित करने को कहा।
उपराष्ट्रपति ने ये इच्छा जताई कि उच्च शैक्षिक संस्थान युवाओं में कौशल और उद्यमिता के विकास को बढ़ावा दे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शैक्षणिक संस्थान और उद्योग युवाओं को 21वीं सदी में नौकरी के लिए आवश्यक कौशल से रू-ब-रू कराएं।
उपराष्ट्रपति ने प्रदर्शनी का दौरा किया और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा छात्रों के कौशल को अद्यतन करने के लिए प्रदर्शनी में रखे गए विभिन्न योजनाओं का अवलोकन किया। विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों और स्वर्ण भारत ट्रस्ट के प्रशिक्षुओं को इन योजनाओं के बारे में बताया गया।
आंध्र प्रदेश सरकार की इस प्रदर्शन में उपराष्ट्रपति के साथ वहां के राज्यपाल बिस्व भीषण हरिचंदन भी रहे। उपराष्ट्रपति को बाद में स्वर्ण भारत ट्रस्ट के विभिन्न प्रशिक्षण केंद्र भी दिखाए गए।
इस मौके पर एपीएसएसडीसी के चेयरमैन चल्ला मधुसूदन रेड्डी, स्वर्ण भारत ट्रस्ट के चेयरमैन कामिनेनी श्रीनिवास और कई अन्य जाने-माने लोग मौजूद थे।