बेलारूस चुनाव / यूरोप के आखिरी 'तानाशाह' की कुर्सी खतरे में

राष्ट्रपति अलेग्जेंडर लूकाशेंको छठी बार चुनाव जीतकर अपनी कुर्सी पर काबिज होने का ख्वाब देख रहे है लेकिन इस बार उनके सामने चुनौती बड़ी है। भले ही अलेग्जेंडर का जीतना तय हो, 1994 से लेकर अब तक जितनी आसानी से वह जीतते चले आए हैं, इस बार एक हाउजवाइज ने उनकी नींद उड़ा दी है। एक ओर जहां सरकार के खिलाफ प्रजर्शन चल रहा है

NavBharat Times : Aug 09, 2020, 04:25 PM
Delhi: राष्ट्रपति अलेग्जेंडर लूकाशेंको छठी बार चुनाव जीतकर अपनी कुर्सी पर काबिज होने का ख्वाब देख रहे है लेकिन इस बार उनके सामने चुनौती बड़ी है। भले ही अलेग्जेंडर का जीतना तय हो, 1994 से लेकर अब तक जितनी आसानी से वह जीतते चले आए हैं, इस बार एक हाउजवाइज ने उनकी नींद उड़ा दी है। एक ओर जहां सरकार के खिलाफ प्रजर्शन चल रहा है वहीं चुनावी मैदान में हैं पहले टीचर रह चुकीं 37साल की स्वेतलाना तिखानोव्स्कया जो अब तक तानाशाह माने जाने वाले अलेग्जेंडर को कड़ी टक्कर दे रही हैं।

हाउज-वाइफ बनी हैं गली की फांस

पहले घर पर रहकर ही बच्चों की देखभाल करने वाली स्वेतलाना अब राजनीतिक मंच पर हैं। उनके पति को वोट डालने से रोका गया था और फिर गिरफ्तार कर लिया गया था। स्वेतलाना का कहना है, 'लोग जाग रहे हैं और अपना आत्म-सम्मान पहचान रहे हैं।' हालांकि, उन्होंने शक जताया है कि चुनाव साफ-सुथरे नहीं होंगे और नतीजों से छेड़खानी की जाएगी। राष्ट्रपति का आरोप है स्वेतलाना विपक्षियों के हाथों की कठपुतली हैं। वहीं, स्वेतलाना की टीम का आरोप है कि चुनाव से एक दिन पहले उनके कैंपेन मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया और सोमवार तक छोड़ा नहीं गया था।


स्वेतलाना को भारी समर्थन

इससे पहले 2015 के चुनावों में अलेग्जेंडर को 83.5% वोट मिले थे। हालांकि, तब न उनके सामने कोई बड़ा प्रतिद्वंदी था और वोटों की गिनती में धांधली के आरोप भी लगे थे। हालांकि, इस बार लोगों में विपक्षी प्रदर्शनकारियों को जेल में डालने को लेकर गुस्सा तो है ही, स्वेतलाना को भारी समर्थन मिल रहा है। मई में चुनावी प्रचार अभियान शुरू होने के बाद से देश में 2000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। ऐसे हालात में चुनाव लड़ने से रोके जाने पर दूसरे उम्मीदवारों अन्ना कनोपट्काया और सर्जेई चेरेचेन ने भी स्वेतलाना को अपना समर्थन दे दिया है।


रूस पर लगाया आरोप

स्वेतलाना के पति सर्जेई को मई में यह आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया गया था कि वह राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए लोगों को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं। स्वेतलाना की जगह पहले उनके पति ही चुनावों में उतरना चाहते थे। इन लोगों को जनता का खूब समर्थन भी मिल रहा था क्योंकि कोरोना वायरस के खराब तरीके से निपटने को लेकर लोगों में अलेग्जेंडर के खिलाफ नाराजगी थी। सर्जेई की गिरफ्तारी के बाद लोगों के बीच स्वेतलाना को काफी समर्थन मिलने लगा।