European Union / यूरोप में मचा ट्रंप की जीत से तहलका, 27 देश करेंगे अलग शिखर वार्ता

अमेरिका में ट्रंप की वापसी से यूरोपीय संघ में हलचल मच गई है। यूरोपीय नेताओं को चिंता है कि ट्रंप का रुख यूरोप के खिलाफ हो सकता है। फ्रांस और जर्मनी के नेतृत्व में 50 यूरोपीय नेताओं ने बैठक कर संबंधों पर चर्चा की। 27 देशों ने शिखर वार्ता का ऐलान किया।

Vikrant Shekhawat : Nov 08, 2024, 01:00 AM
European Union: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति चुनाव में संभावित वापसी ने यूरोपीय संघ के नेताओं के बीच खलबली मचा दी है। यूरोपीय नेताओं को यह चिंता है कि ट्रंप के रुख में कई ऐसे बदलाव हो सकते हैं, जो यूरोप के खिलाफ जाएं। ऐसे में, फ्रांस और जर्मनी के नेताओं ने यूरोपीय संघ में एकजुटता की अपील की है, जिसके बाद यूरोपीय देशों के 50 से अधिक नेताओं ने एक बैठक का आयोजन किया। अब, यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देश एक शिखर बैठक बुलाने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि ट्रंप के चुनावी परिणामों से यूरोप के भविष्य पर पड़ने वाले असर का आकलन किया जा सके।

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और नाटो महासचिव मार्क रूट समेत कई प्रमुख नेता अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों के बाद यूरोपीय-यूएस संबंधों पर चर्चा करेंगे। यह बैठक उस समय हो रही है जब पहले से ही यूरोप में आर्थिक संकट गहरा रहा है। जर्मनी की आर्थिक स्थिति भी संकट में है, और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के अपने वित्त मंत्री को बर्खास्त करने के बाद राजनीतिक संकट और बढ़ गया है। इससे यूरोप में आगामी चुनावों और कट्टर दक्षिणपंथी दलों के साथ संभावित संघर्ष की चिंता भी बढ़ी है। पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने इन घटनाओं को यूरोप के लिए और गंभीर बनाने वाली बताया है। हालांकि, अमेरिकी चुनावों का वास्तविक असर अभी भविष्य में देखने को मिलेगा।

यूरोपीय परिषद का रुख

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने अमेरिका के साथ संबंधों की महत्वता को रेखांकित करते हुए कहा कि यूरोप इसे और प्रगाढ़ करने के लिए तैयार है। यूरोपीय संघ के 27 देशों की एक शिखर बैठक के आयोजन की योजना बनाई जा रही है, जिसमें ब्रिटेन, तुर्की और बाल्कन देशों के नेताओं के बाद विचार विमर्श होगा। ट्रंप के चुनावी अभियान के दौरान कई ऐसे बयान सामने आए थे, जो यूरोप के लिए चिंता का विषय थे। उन्होंने यूरोप के साथ व्यापार युद्ध की धमकी दी, नाटो की प्रतिबद्धताओं को खत्म करने का इशारा किया, और रूस के साथ यूक्रेन के संघर्ष में यूरोप का रुख बदलने की बात कही। ये सभी मुद्दे यूरोपीय देशों के लिए ऐतिहासिक और क्रांतिकारी परिणाम लेकर आ सकते हैं।

हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान, जो ट्रंप के समर्थक हैं, ने हाल ही में कहा कि उन्होंने ट्रंप से फोन पर बात की और भविष्य के लिए योजनाओं की घोषणा की। यह संकेत देता है कि ट्रंप का यूरोप के प्रति रुख विशेष रूप से पूर्वी यूरोप में कुछ बदल सकता है।

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का बयान

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने रोम और वाशिंगटन के बीच मजबूत और ऐतिहासिक रणनीतिक साझेदारी की सराहना की। यह साझेदारी ट्रंप के पहले कार्यकाल (2017-2021) के दौरान लगातार दबाव में रही थी। उस समय ट्रंप प्रशासन ने यूरोपीय संघ के इस्पात और एल्युमिनियम उत्पादों पर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताते हुए शुल्क लगा दिया था। यूरोप और अन्य सहयोगियों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया था। अब, ट्रंप की संभावित वापसी यूरोपीय संघ के व्यापारिक हितों और विदेशी नीति में महत्वपूर्ण बदलावों की संभावना को जन्म देती है।

आगे क्या होगा?

अमेरिकी चुनाव का परिणाम यूरोप में आने वाले वर्षों में बड़े बदलावों की ओर इशारा करता है। यूक्रेन और पश्चिम एशिया में युद्ध, प्रवासन और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे यूरोपीय नेताओं के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं। सम्मेलन में शामिल होने वाले नेताओं में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की भी हैं, जो अपने देश को रूसी हमले से बचाने के लिए और अधिक मदद की अपील करेंगे। ट्रंप के वादे के अनुसार, अगर वह राष्ट्रपति बने, तो वह "24 घंटे के भीतर" युद्ध समाप्त करने का संकल्प ले चुके हैं, जिससे यूरोप और वैश्विक राजनीति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

इस समय, यूरोप के नेताओं के लिए यह चुनौती है कि वे ट्रंप के आगमन से पहले अपनी स्थिति को मजबूत करें और अमेरिकी नेतृत्व के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंध बनाए रखें। आगामी शिखर बैठक में ये मुद्दे महत्वपूर्ण स्थान पर होंगे, और इससे यूरोपीय संघ के भविष्य के रिश्ते अमेरिका से तय होंगे।