AMAR UJALA : Aug 24, 2019, 09:45 PM
मेरठ के पेट्रोल पंपों पर रोजाना 4.75 लाख लीटर तेल बेचा जाता है। एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) प्रभारी अविनाश पांडेय (एसपी देहात) ने शुक्रवार को जांच शुरू करा दी। टीम में शामिल दो इंस्पेक्टरों को अपने ऑफिस में बुलाकर बात की। बताया गया कि राजीव जैन और प्रदीप गुप्ता की केमिकल फैक्टरी में थिनर, सॉल्वेंट और बैंजीन केमिकल में फूड कलर मिलाकर रोजाना करीब 60 हजार लीटर नकली तेल तैयार किया जा रहा था। पेट्रोल पंपों पर ऑयल कंपनियों के डिपो से आने वाले पेट्रोल-डीजल से भरे टैंकर दोनों तेल माफिया की फैक्टरी पर जाते थे। एक टैंकर (12 हजार लीटर) से 30 फीसदी या उससे अधिक तेल निकालकर उसमें उतना ही नकली तेल भर दिया जाता था। इसके बाद ये टैंकर पेट्रोल पंपों पर पहुंचाए जाते थे।कई जांच के घेरे मेंदो लाख लीटर मिलावटी तेल रोजाना पेट्रोल पंपों तक पहुंचाने तक कितने विभागों के अधिकारी शामिल हैं, इसकी जांच बेहद जरूरी है। पुलिस, आपूर्ति विभाग, ऑयल कंपनी की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है। एसआईटी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों की भूमिका तलाशनी शुरू कर दी है।लाल डायरी खोलेगी काले कारनामेटीपीनगर थानाक्षेत्र में पारस केमिकल फैक्टरी में छापे के दौरान पुलिस को एक लाल डायरी हाथ लगी थी। पुलिस की फैंटम से लेकर दरोगा, जिला आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टरों तक के नाम इसमें लिखे हैं। यह भी साफ-साफ लिखा है कि किसको कितना पैसा जाता है। डायरी के आधार पर संबंधित लोगों से पूछताछ हो सकती है। डायरी को एसआईटी से दूर रखने की बात सामने आ रही है, जिससे पुलिस सवालों के घेरे में है।बैंक खातों और कॉल डिटेल की जांच पुलिस का दावा है कि नकली तेल मेरठ में 10 पेट्रोल पंपों पर सप्लाई होता था। जेल भेजे गए दस आरोपियों समेत 13 लोगों के मोबाइल की पुलिस कॉल डिटेल निकलवा रही है। इससे पोल खुलेगी कि किस-किस पेट्रोल पंप पर नकली तेल खपाया जा रहा था।एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। नकली पेट्रोल-डीजल बनाने और पंपों तक सप्लाई करने में कौन-कौन से विभाग के अधिकारी शामिल हैं, इसको एसआईटी उजागर करेगी। दोनों केमिकल फैक्टरी में रोज दो लाख लीटर मिलावटी तेल तैयार होने की बात सामने आई है।