Vikrant Shekhawat : Jun 19, 2021, 02:04 PM
हरिद्वार: देवभूमि उत्तराखंड में कुंभ मेले के दौरान 1 लाख फर्जी कोविड टेस्ट करने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। कुंभ में टेस्टिंग का जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को दिया था, जिसके बाद उस एजेंसी ने फर्जी नाम और पतों के आधार पर एक लाख फेक कोरोना टेस्ट कर दिए। इस पूरे मामले में जहां हरिद्वार प्रशासन को सरकार की ओर से एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए थे। वहीं अब सरकार की ओर से एक स्पेशल जांच टीम (SIT) का गठन किया है।अब इस कथित घोटाले पर उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी बयान सामने आया है। पूर्व सीएम रावत ने कहा है कि हरिद्वार कुंभ मेला के दौरान होने वाली फेक कोरोना टेस्टिंग हत्या के प्रयास के अपराध के समान है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश देने की बात कही है। साथ ही कहा है कि लोगों को यह भी बताना चाहिए कि यह घोटाला कब हुआ।उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कथित फर्जी कोरोना टेस्टिंग ममाले की की जांच के लिए 7 सदस्यीय SIT का गठन किया हैं। दरअसल कुंभ मेले में देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे थे। इस दौरान संक्रमण ना फैले इसके लिए सरकार ने कोरोना कंट्रोल के लिए निजी लैब को टेस्टिंग का जिम्मा सौंपा था। हरिद्वार में 5 स्थानों पर टेस्ट करने वाली दिल्ली और हरियाणा की लैब के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश पहले ही जारी हो चुका है।आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन 1 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल के बीच किया गया था। इस दौरान जाली नंबरों और पतों के साथ करीब 1 लाख कोरोना टेस्ट नकली निकले हैं। कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना टेस्टिंग के लिए हरिद्वार, देहरादून, रुड़की और हरियाणा की 11 लैब को सूचीबद्ध किया था। इनमें से हरियाणा की 2 प्राइवेट लैब ने कुंभ मेले के आयोजन के दौरान 1 लाख से ज्यादा रैपिड एंटीजन टेस्ट किए थे, इनमें से अधिकतर टेस्ट निगेटिव थे।