NavBharat Times : Jul 19, 2020, 07:39 AM
Delhi: देश भर की 755 यूनिवर्सिटी में से 366 यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) की रिवाइज्ड गाइडलाइंस के मुताबिक, फाइनल इयर के एग्जाम अगस्त या सितंबर में कारने की योजना बना रही हैं। अपनी रिवाइज्ड गाइडलाइंस में यूजीसी ने अनिवार्य रूप से सितंबर तक फाइनल इयर के एग्जाम कराने का निर्देश दिया है। छात्रों और शिक्षकों के विरोध के बीच यूजीसी अब तक परीक्षाओं के आयोजन के पक्ष में है। इसने यूनिवर्सिटियों को अपने तरजीही मोड चुनने की अनुमति दे दी है। परीक्षा के तीन मोड ऑनलाइन, ऑफलाइन, ऑनलाइन-ऑफलाइन का मिला-जुला मोड, में से कोई मोड चुनना है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत कई राज्यों ने रिवाइज्ड गाइडलाइंस का विरोध किया है और फाइनल इयर के छात्रों के लिए परीक्षा नहीं कराने का फैसला लिया है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल, पंजाब और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इन गाइडलाइंस को वापस लेने की मांग की है।27 अन्य शिक्षाविदों के साथ यूजीसी के पूर्व चेयरमैन ने भी आयोग को पत्र लिखकर परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की थी। पत्र में लिखा गया था, 'जो लोग यह तर्क दे रहे हैं कि परीक्षा रद्द करने से डिग्रियों का मूल्य कम हो जाएगा, उनलोगों को यह भी बताना चाहिए कि कैसे एक दोषपूर्ण वर्चुअल एग्जाम से उनका वैल्यू बढ़ेगा जिसमें वास्तविक चीजों की बुनियादी सुविधा भी नहीं है।'
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत कई राज्यों ने रिवाइज्ड गाइडलाइंस का विरोध किया है और फाइनल इयर के छात्रों के लिए परीक्षा नहीं कराने का फैसला लिया है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल, पंजाब और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इन गाइडलाइंस को वापस लेने की मांग की है।27 अन्य शिक्षाविदों के साथ यूजीसी के पूर्व चेयरमैन ने भी आयोग को पत्र लिखकर परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की थी। पत्र में लिखा गया था, 'जो लोग यह तर्क दे रहे हैं कि परीक्षा रद्द करने से डिग्रियों का मूल्य कम हो जाएगा, उनलोगों को यह भी बताना चाहिए कि कैसे एक दोषपूर्ण वर्चुअल एग्जाम से उनका वैल्यू बढ़ेगा जिसमें वास्तविक चीजों की बुनियादी सुविधा भी नहीं है।'