Coronavirus / निर्मला सीतारमण ने दी कोरोना को लेकर बड़ी अपडेट, जानिए कब, कहाँ और कैसे मिलेगी राहत

कोरोना संकट के 6 महीने बीतने और लॉकडाउन के चलते अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी में 23।9 पर्सेंट की गिरावट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था के सामने अब भी चुनौतियां बरकरार हैं। सीतारमण ने कहा, अर्थव्यवस्था अलग तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है और कोरोना संकट कब खत्म होगा इस बारे में कुछ पक्का नहीं का जा सकता। खास तौर से जब इसकी कोई वैक्सीन नहीं आ सकी है।

Vikrant Shekhawat : Sep 28, 2020, 12:52 PM
Coronavirus: कोरोना संकट के 6 महीने बीतने और लॉकडाउन के चलते अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी में 23।9 पर्सेंट की गिरावट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था के सामने अब भी चुनौतियां बरकरार हैं। सीतारमण ने कहा, "अर्थव्यवस्था अलग तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है और कोरोना संकट कब खत्म होगा इस बारे में कुछ पक्का नहीं का जा सकता। खास तौर से जब इसकी कोई वैक्सीन नहीं आ सकी है। 6 महीने में वास्तव में चुनौतियां कम नहीं हुई है, बल्कि चुनौतियों का तरीका बदल गया है और मंत्रालय समस्या के समाधान के लिए तेजी से एक्शन ले रहा है।"

कोरोना को लेकर स्पष्ट तौर पर फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा, ‘आपके पास पूरी तरह असरकारक कोई दवा नहीं है। आपके पास इसके खत्म होने की भी कोई तारीख नहीं है। कई स्थानों पर लोग इलाज के बाद वापस लौट रहे हैं। लेकिन आंत्रप्रेन्योर्स और स्मॉल और मीडियम बिजनेस से जुड़े लोगों के दिमाग में तमाम अनिश्चितताएं हैं।’

वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना ने आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। खासतौर पर सर्विस सेक्टर पर असर पड़ा है, जिसका योगदान जीडीपी में 55 फीसदी के बराबर है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर धीरे-धीरे वापसी कर रहा है और कई इंडस्ट्रीज में स्थिति कोरोना के दौर के पहले जैसी हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजूदर भी अब शहरों की ओर लौटने लगे हैं और खासतौर पर लेबर-इंटेंसिव इंडस्ट्रीज जैसे कपड़े के कारोबार से जुड़ रहे हैं। यहां मांग बढ़ रही है, लेकिन घरेलू स्तर से ज्यादा दूसरे देशों में मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को ग्रामीण क्षेत्र से कुछ राहत मिली है, जहां गतिविधियां पूरी तरह से चालू हैं। यह बड़ी बात है कि न सिर्फ खेती बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में इससे अलग भी गतिविधियां चालू हैं।