Vikrant Shekhawat : Aug 15, 2024, 12:45 PM
Income Tax Return: संसद में बजट पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बात कही कि अब देश में लोगों को आयकर रिफंड महज 10 दिन में मिलने लगा है. लेकिन क्या आप भी उन लोगों में से एक हैं जिन्हें आईटीआर भरे हुए 20 दिन से भी ज्यादा वक्त हो गया. फिर भी उनका रिफंड नहीं आया. ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के मतलब क्या हैं और आयकर रिफंड आने से जुड़ा सच क्या है? चलिए समझते हैं…वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि फाइनेंशियल ईयर 2013-14 में आम लोगों को आयकर रिफंड मिलने में औसतन 93 दिन लगते थे. लेकिन अब 2023-24 में ये एवरेज टाइम घटकर 10 दिन पर आ गया है. फाइनेंस मिनिस्टर ने अपने बयान में एकदम सही बात कही थी क्योंकि इनकम टैक्स रिफंड आने का टाइम पहले के मुकाबले कम हुआ है और कई मामलों में ये 10 दिन ही है. फिर आपका रिफंड क्यों नहीं आया अब तक?इन बातों पर निर्भर करता है आयकर रिफंड का आनाआपका इनकम टैक्स रिफंड कब आपके खाते में क्रेडिट होगा, ये कई बातों पर निर्भर करता है.जैसे सबसे बड़ा फर्क तो इस बात से पड़ता है कि आपने अपना रिटर्न कब फाइल किया. अगर आपने आखिरी तारीख के आस-पास अपना आईटीआर फाइल किया है, तो आपका रिफंड सबसे ज्यादा लेट आएगा. इसके अलावा आपने कौन-सा आईटीआर फाइल किया है, आपके आईटीआर में कैलकुलेशन कितना कॉम्प्लेक्स है. इन सब बातों का भी आपके रिफंड आने के टाइम पर असर पड़ता है.किसको मिलता है सबसे पहले रिफंड?अगर आप आईटीआर-1 फॉर्म भरत हैं, तो आपके आयकर रिफंड को सबसे पहले प्राथमिकता दी जाती है. इसकी वजह ये है कि आईटीआर-1 सबसे कम कॉम्प्लेक्स होते हैं. इसलिए इनकी स्क्रूटनी में कम वक्त लगता है और जल्द से जल्द लोगों का रिफंड लौटा दिया जाता है. इसी तरह आईटीआर-2 वालों का रिफंड आने में उससे ज्यादा टाइम और आईटीआर-3 वालों का रिफंड आने में सबसे ज्यादा टाइम लग सकता है.सरकार के इस कदम से बदली किस्मतआज से करीब 15 साल पहले देश में लोगों को इनकम टैक्स रिफंड का पैसा वापस मिलने में 3 महीने तक का वक्त लगता था. इसकी वजह थी इस प्रोसेस का काफी मैनुअल होना. बीते कुछ सालों में सरकार ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को टेक सेवी बनाने और डिजिटाइज करने पर फोकस बढ़ाया है. बीते 3 साल में तो आईटीआर रिफंड का प्रोसेस काफी तेज हुआ है. सरकार ने नया पोर्टल लॉन्च किया है. वहीं अब आईटीआर के एनालिसिस की प्रोसेस को भी सेंट्रलाइज्ड और फेसलैस कर दिया गया है. इससे भी रिफंड का प्रोसेस तेज हुआ है.