Tax Savings Tips / टैक्स बचाने का आखिरी मौका, नहीं मिलेगा 31 मार्च के बाद फायदा

फाइनेंशियल ईयर 2024-25 खत्म होने में सिर्फ 31 दिन बचे हैं। टैक्स बचाने के लिए 80C, 80D, 24B जैसी कटौतियों का लाभ उठाएं। ओल्ड टैक्स रिजीम में ज्यादा डिडक्शन हैं, जबकि न्यू टैक्स रिजीम सरल है। जल्द योजना बनाएं और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करें!

Tax Savings Tips: फाइनेंशियल ईयर 2024-25 को खत्म होने में अब बस 31 दिन बचे हैं। अगर आपने अभी तक टैक्स सेविंग प्लानिंग नहीं की है तो आपको कर लेनी चाहिए, क्योंकि 31 मार्च के बाद आप कुछ भी कर लीजिए अपनी सैलरी पर टैक्स नहीं बचा सकेंगे।

इनकम टैक्स रिजीम का चुनाव

वर्तमान में सरकार ने टैक्सपेयर्स को दो टैक्स रिजीम चुनने का विकल्प दिया है:

  1. ओल्ड टैक्स रिजीम: इसमें विभिन्न निवेश और खर्चों पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है, जैसे कि 80C, 80D, 80E, 80G और 24B के तहत छूट।

  2. न्यू टैक्स रिजीम: इसमें कम टैक्स स्लैब हैं, लेकिन अधिकतर डिडक्शन नहीं मिलते। हालांकि, यह सरल और कम जटिल है।

टैक्स बचाने के प्रमुख तरीके

1. सेक्शन 80C के तहत छूट

  • PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड): यह सुरक्षित निवेश है और टैक्स फ्री रिटर्न देता है।

  • ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम): हाई रिटर्न देने वाला म्यूचुअल फंड है, जिसमें इनकम टैक्स में छूट मिलती है।

  • लाइफ इंश्योरेंस: जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर टैक्स में छूट मिलती है।

  • सुकन्या समृद्धि योजना: बेटी के भविष्य के लिए निवेश कर टैक्स सेव कर सकते हैं।

2. हेल्थ इंश्योरेंस (सेक्शन 80D)

  • हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक की छूट मिलती है।

  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह छूट 50,000 रुपये तक हो सकती है।

3. होम लोन ब्याज पर छूट (सेक्शन 24B)

  • होम लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।

  • हायर एजुकेशन लोन के ब्याज पर (सेक्शन 80E) में छूट मिलती है।

  • NPS (सेक्शन 80CCD(1B)) में 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त छूट मिलती है।

4. किराए के मकान पर छूट

  • यदि आप किराए के मकान में रहते हैं और कंपनी आपको HRA देती है, तो इसे टैक्स डिडक्शन में क्लेम कर सकते हैं।

  • दान देने पर (सेक्शन 80G) के तहत 50% से 100% तक की छूट उपलब्ध है।

निष्कर्ष

31 मार्च से पहले सही टैक्स प्लानिंग करें ताकि अधिकतम छूट का लाभ उठा सकें। जल्दबाजी में गलत निवेश करने से बचें और वित्तीय सुरक्षा को प्राथमिकता दें।