फिर जागा इमरान का भारत प्रेम / पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने की विदेश नीति की तारीफ, पढ़िये लाहौर की रैली में क्या कहा

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने एक बार फिर भारत की तारीफ की है। लाहौर में आयोजित एक रैली में उन्होंने भारत की विदेश नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उसके लोगों की भलाई के लिए है। हाल ही में पाक नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के कारण पीएम पद छोड़ने को मजबूर हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की विदेश नीति अपने लोगों की भलाई की बजाए दूसरों की भलाई का काम करती है।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने एक बार फिर भारत की तारीफ की है। लाहौर में आयोजित एक रैली में उन्होंने भारत की विदेश नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उसके लोगों की भलाई के लिए है। 

हाल ही में पाक नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के कारण पीएम पद छोड़ने को मजबूर हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की विदेश नीति अपने लोगों की भलाई की बजाए दूसरों की भलाई का काम करती है। 

इमरान खान ने कहा कि भारत अमेरिका का रणनीतिक भागीदार है और वह रूस से तेल आयात करता है। भारत का कहना है कि उसके फैसले अपनी जनता की भलाई पर आधारित होते हैं, लेकिन पाकिस्तान की विदेश नीति दूसरों के कल्याण के लिए है। इससे पहले पिछले माह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक रैली को संबोधित करते हुए भी पूर्व पाक पीएम ने भारत की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने भारतीयों को खुद्दार कौम बताया था। 

लाहौर की रैली में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान ने कहा कि वह हमेशा पड़ोसी देश की प्रशंसा करते हैं, क्योंकि उनकी हमेशा एक स्वतंत्र विदेश नीति रही है। आज भारत अमेरिकी गठबंधन में है। वह क्ववाड में और वह कहता है कि वह तटस्थ है। वह पाबंदी के बावजूद रूस से तेल आयात कर रहा है, क्योंकि वह कहता है कि इसमें उसके लोगों की भलाई है। 

इमरान इसलिए गए थे मॉस्को

पीएम रहते हुए हाल ही में अपनी रूस यात्रा का इमरान खान ने बचाव किया। उन्होंने कहा कि वह मॉस्को इसलिए गए थे, ताकि पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई को काबू में किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने फिर कहा कि उन्हें स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने के कारण देश की सत्ता से हाथ धोना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय ताकतों ने इसे पसंद नहीं किया। 

चीन के साथ पाक का व्यापार विदेशी ताकतों को पसंद नहीं

खान ने आरोप लगाया कि विदेशी ताकतें चीन के साथ पाकिस्तान के व्यापार को बढ़ावा देना भी पसंद नहीं करती हैं। पाकिस्तान की मौजूदा सरकार की तीन कठपुतली हैं, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी और जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान। इन्होंने विदेशी साजिश का पूरा समर्थन किया।