News18 : Sep 01, 2020, 03:21 PM
नई दिल्ली। भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मंगलवार दोपहर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। पूर्व राष्ट्रपति को लोधी श्मशान घाट में अंतिम विदाई दी गई। बेटे अभिजीत मुखर्जी के पिता को मुखाग्नि देने के साथ ही पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पंचतत्व में विलीन हो गए। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को 10, राजाजी मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास पर लाया गया, जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं ने उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।बता दें कि मुखर्जी का सोमवार की शाम सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया था। वह 84 वर्ष के थे। उन्हें गत 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी दिन उनके ब्रेन की सर्जरी की गई थी। अस्पताल से पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को आज उनके सरकारी निवास 10, राजाजी मार्ग लाया गया, जहां गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गईमुखर्जी का अंतिम संस्कार दोपहर दो बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर 31 अगस्त से छह सितंबर तक सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे। लंबे समय तक कांग्रेस के नेता रहे मुखर्जी सात बार सांसद भी रहे। भाजपा-नीत केंद्र सरकार ने साल 2019 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा था।
8 सालों तक लोकसभा के नेता रहे प्रणब मुखर्जीपश्चिम बंगाल में जन्में प्रणब मुखर्जी को चलता फिरता ‘इनसाइक्लोपीडिया’ कहा जाता था और हर कोई उनकी याददाश्त क्षमता, तीक्ष्ण बुद्धि और मुद्दों की गहरी समझ का मुरीद था। मुखर्जी भारत के एकमात्र ऐसे नेता थे जो देश के प्रधानमंत्री पद पर न रहते हुए भी आठ वर्षों तक लोकसभा के नेता रहे। वे 1980 से 1985 के बीच राज्यसभा में भी कांग्रेस पार्टी के नेता रहे।
7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गईमुखर्जी का अंतिम संस्कार दोपहर दो बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर 31 अगस्त से छह सितंबर तक सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे। लंबे समय तक कांग्रेस के नेता रहे मुखर्जी सात बार सांसद भी रहे। भाजपा-नीत केंद्र सरकार ने साल 2019 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा था।
8 सालों तक लोकसभा के नेता रहे प्रणब मुखर्जीपश्चिम बंगाल में जन्में प्रणब मुखर्जी को चलता फिरता ‘इनसाइक्लोपीडिया’ कहा जाता था और हर कोई उनकी याददाश्त क्षमता, तीक्ष्ण बुद्धि और मुद्दों की गहरी समझ का मुरीद था। मुखर्जी भारत के एकमात्र ऐसे नेता थे जो देश के प्रधानमंत्री पद पर न रहते हुए भी आठ वर्षों तक लोकसभा के नेता रहे। वे 1980 से 1985 के बीच राज्यसभा में भी कांग्रेस पार्टी के नेता रहे।