Vikrant Shekhawat : May 17, 2021, 11:22 AM
कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) एक बार फिर सुर्खियों में है। राज्य में हुए नारदा घोटाले (Narada Scam) की जांच को फिर से शुरू किया गया है। इसके तहत सोमवार को सीबीआई की टीमों ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी के घर व अन्य ठिकानों पर छापेमारी की है। इसके बाद सीबीआई की टीम सभी को पूछताछ के लिए अपने ऑफिस ले गई है। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीबीआई दफ्तर पहुंच गई हैं।
बताया जा रहा है कि चारों नेताओं को पूछताछ के लिए ऑफिस ले जाया गया है। राज्य के मंत्री और TMC के बड़े नेता फिरहाद हाकिम ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने उन्हें वजह बताए बिना गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि सीबीआई ने साफ कहा है कि उसने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। इसका मतलब साफ है कि चारों नेताओं से पूछताछ की जाएगी।सीबीआई की टीम सुबह मंत्री फिरहाद हकीम के घर पहुंची थी। टीम ने उनके घर की तलाशी ली थी। इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए अपने साथ ऑफिस ले गई।वहीं सीबीआई ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारदा घोटाले की जांच के संबंध में अनुमत भी मांगी थी। सीबीआई की ओर से फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी के खिलाफ केस चलाने के लिए यह अनुमति मांगी गई थी। चुनाव के बाद राज्यपाल की ओर से सीबीआई को इसकी अनुमति दी गई थी।बता दें कि नारदा घोटाला 2016 विधानसभा चुनाव के समय का है। चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप जारी किए गए थे। इन टेप में टीएमसी के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों जैसे दिखने वाले लोगों को कथित रूप से फेक कंपनी के लोगों से पैसे लेते दिखाया गया था। बताया गया था कि ये टेप 2014 के हैं।
बताया जा रहा है कि चारों नेताओं को पूछताछ के लिए ऑफिस ले जाया गया है। राज्य के मंत्री और TMC के बड़े नेता फिरहाद हाकिम ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने उन्हें वजह बताए बिना गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि सीबीआई ने साफ कहा है कि उसने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। इसका मतलब साफ है कि चारों नेताओं से पूछताछ की जाएगी।सीबीआई की टीम सुबह मंत्री फिरहाद हकीम के घर पहुंची थी। टीम ने उनके घर की तलाशी ली थी। इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए अपने साथ ऑफिस ले गई।वहीं सीबीआई ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारदा घोटाले की जांच के संबंध में अनुमत भी मांगी थी। सीबीआई की ओर से फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी के खिलाफ केस चलाने के लिए यह अनुमति मांगी गई थी। चुनाव के बाद राज्यपाल की ओर से सीबीआई को इसकी अनुमति दी गई थी।बता दें कि नारदा घोटाला 2016 विधानसभा चुनाव के समय का है। चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप जारी किए गए थे। इन टेप में टीएमसी के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों जैसे दिखने वाले लोगों को कथित रूप से फेक कंपनी के लोगों से पैसे लेते दिखाया गया था। बताया गया था कि ये टेप 2014 के हैं।