AMAR UJALA : May 26, 2020, 10:32 AM
दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के प्रयोग को लेकर वाद-विवाद का दौर जारी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा का समर्थन किया था। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है।
वहीं, एक फ्रांसीसी डॉक्टर ने सोमवार को जोर देते हुए कहा कि उसे विश्वास है कि वायरल निरोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन मरीजों को कोरोना वायरस से उबरने में मदद कर सकती है। उसने उस अध्ययन को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि इस दवा का कोई लाभ नहीं है। मार्सेल के रहने वाले डॉक्टर प्रोफेसर डिडियर राउल्ट को संकट की इस घड़ी में फ्रांस में बड़ी पहचान हासिल हुई है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने डॉक्टर राउल्ट से मुलाकात भी की थी। राउल्ट लगातार इस बात को कहते रहे हैं कि इस दवा का स्पष्ट रूप से लाभ है। गौरतलब हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी लगातार दवा की योग्यता का समर्थन करते रहे हैं। ट्रंप कहते रहे हैं कि वह कोरोना से बचने के लिए एहतियात के तौर पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का सेवन कर रहे हैं। राउल्ट ने मार्सेल स्थित अपने संक्रामक रोग अस्पताल की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए वीडियो में पूछा कि एक बड़े डाटा से किए गए अध्ययन से यह कैसे बदल सकता है जो हम देखते हैं? उन्होंने कहा कि यहां पर हमारे अस्पताल में 4000 लोग आ चुके हैं। कुछ ऐसे लोग हैं, जो बड़े डाटा पर अध्ययन करते हैं, लेकिन उनके नतीजे पूरी तरह से भम्र की कल्पना है। राउल्ट ने कहा कि जो कुछ भी मैंने अपनी आंखों से देखा है उसे कोई चीज नहीं बदल सकती।डॉक्टर राउल्ट की यह टिप्पणी उस समय आई है जब डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेब्रेयस ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया है। डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर लगाई अस्थायी रोकविश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि पिछले सप्ताह लैंसेट में प्रकाशित एक शोध से यह बात सामने आई है कि जो लोग हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले रहे थे, उनमें हृदय संबंधी बीमारी का खतरा और यहां तक कि मृत्यु होने की आशंका बढ़ गई थी। यही वजह है कि वैश्विक स्तर पर इस दवा के इस्तेमाल पर फिलहाल अस्थायी रोक लगाई गई है।उन्होंने यह भी कहा कि यह अस्थायी रोक सिर्फ कोरोना के मरीजों को लेकर है, अन्य बीमारी के मामलों में इस दवा के इस्तेमाल संबंधी नियम पर इस रोक का कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के इलाज से जुड़े परीक्षण यथावत चलते रहेंगे। बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को अमेरिका में साल 1950 के मध्य में लाइसेंस दिया गया था
वहीं, एक फ्रांसीसी डॉक्टर ने सोमवार को जोर देते हुए कहा कि उसे विश्वास है कि वायरल निरोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन मरीजों को कोरोना वायरस से उबरने में मदद कर सकती है। उसने उस अध्ययन को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि इस दवा का कोई लाभ नहीं है। मार्सेल के रहने वाले डॉक्टर प्रोफेसर डिडियर राउल्ट को संकट की इस घड़ी में फ्रांस में बड़ी पहचान हासिल हुई है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने डॉक्टर राउल्ट से मुलाकात भी की थी। राउल्ट लगातार इस बात को कहते रहे हैं कि इस दवा का स्पष्ट रूप से लाभ है। गौरतलब हो कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी लगातार दवा की योग्यता का समर्थन करते रहे हैं। ट्रंप कहते रहे हैं कि वह कोरोना से बचने के लिए एहतियात के तौर पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का सेवन कर रहे हैं। राउल्ट ने मार्सेल स्थित अपने संक्रामक रोग अस्पताल की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए वीडियो में पूछा कि एक बड़े डाटा से किए गए अध्ययन से यह कैसे बदल सकता है जो हम देखते हैं? उन्होंने कहा कि यहां पर हमारे अस्पताल में 4000 लोग आ चुके हैं। कुछ ऐसे लोग हैं, जो बड़े डाटा पर अध्ययन करते हैं, लेकिन उनके नतीजे पूरी तरह से भम्र की कल्पना है। राउल्ट ने कहा कि जो कुछ भी मैंने अपनी आंखों से देखा है उसे कोई चीज नहीं बदल सकती।डॉक्टर राउल्ट की यह टिप्पणी उस समय आई है जब डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेब्रेयस ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया है। डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर लगाई अस्थायी रोकविश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि पिछले सप्ताह लैंसेट में प्रकाशित एक शोध से यह बात सामने आई है कि जो लोग हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले रहे थे, उनमें हृदय संबंधी बीमारी का खतरा और यहां तक कि मृत्यु होने की आशंका बढ़ गई थी। यही वजह है कि वैश्विक स्तर पर इस दवा के इस्तेमाल पर फिलहाल अस्थायी रोक लगाई गई है।उन्होंने यह भी कहा कि यह अस्थायी रोक सिर्फ कोरोना के मरीजों को लेकर है, अन्य बीमारी के मामलों में इस दवा के इस्तेमाल संबंधी नियम पर इस रोक का कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के इलाज से जुड़े परीक्षण यथावत चलते रहेंगे। बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को अमेरिका में साल 1950 के मध्य में लाइसेंस दिया गया था