देश / G-20 इवेंट पर ISI की नापाक नजर! कश्मीर में आतंकी हमले का बना रहा खतरनाक प्लान

भारत को इस साल की जी-20 समिट (G20 Summi) की अध्यक्षता मिली है. इसको लेकर देश के प्रमुख शहरों में बैठकें हो रही हैं. और जहां बैठकें होने वाली है वहां तमाम तरह की तैयारियां की जा रही है. लेकिन इस बीच खबर है कि ISI (Inter-Services Intelligence) की नापाक निगाहें भी इस बैठक पर है. खुफिया रिपोर्ट के हवाले से खबर है कि जी-20 समिट के तहत जम्मू-कश्मीर में होने वाली इवेंट ISI के निशाने पर है.

Vikrant Shekhawat : Mar 14, 2023, 01:56 PM
जम्मू. भारत को इस साल की जी-20 समिट (G20 Summi) की अध्यक्षता मिली है. इसको लेकर देश के प्रमुख शहरों में बैठकें हो रही हैं. और जहां बैठकें होने वाली है वहां तमाम तरह की तैयारियां की जा रही है. लेकिन इस बीच खबर है कि ISI (Inter-Services Intelligence) की नापाक निगाहें भी इस बैठक पर है. खुफिया रिपोर्ट के हवाले से खबर है कि जी-20 समिट के तहत जम्मू-कश्मीर में होने वाली इवेंट ISI के निशाने पर है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी ISI ने आतंकी संगठन लश्कर, हिजबुल और जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स को ज्यादा से ज्यादा आतंकी हमलों को अंजाम देने का फरमान सुनाया है. आतंकी हमलों के कैसे अंजाम देना है इसके लिए ISI ने इस्लामाबाद में आतंकियों के साथ बैठक भी की है. इस्लामाबाद में ISI के ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी ने तीनों आतंकी संगठनों के कमांडरों से मुलाकात की है.

इस्लामाबाद में इस मुलाकात के दौरान ही जी-20 समिट के तहत जम्मू-कश्मीर में होने वाले इवेंट पर आतंकी हमले को अंजाम देने का प्लान बना है. मुलाकात के दौरान ISI का ब्रिगेडियर रैंक का अधिकारी सज्जाद अमीन ने G-20 के जम्मू-कश्मीर में होने वाले आयोजनों को टारगेट करने का आदेश दिया है. इसके अलावा कश्मीर में चलाए जा रहे एंटी इंक्रोचमेंट अभियान में शामिल अधिकारियों को निशाना बनाने और जम्मू से भी नए आतंकियों की भर्ती कराने का निर्देश दिया है.

इस खबर के बाद से खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया है. अधिकारी से लेकर सेना और पुलिस अलर्ट मोड पर हैं. गौरतलब है कि भारत की G-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद से ही पड़ोसी देश और उसकी एजेंसी परेशान है. 70 सालों में यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर जी-20 जैसे अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है. इससे क्षेत्र में निवेश लाकर कश्मीर में पर्यटन और हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.