विदेश / अफगानिस्तान में तालिबान ने फांसी पर लटका दिया होता: वीडियो मेसेज में पूर्व राष्ट्रपति गनी

पूर्व अफगानिस्तानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने यूएई से एक वीडियो मेसेज शेयर किया है। इसमें वह बोल रहे हैं कि अगर वह अफगानिस्तान में रहते तो तालिबान ने उन्हें अफगानिस्तानियों के सामने फांसी पर लटका दिया होता। इससे पहले तालिबान ने पूर्व अफगानिस्तानी राष्ट्रपति मोहम्मद नजीबुल्लाह को 1996 में देश पर कब्ज़ा करने के बाद फांसी पर लटका दिया था।

Vikrant Shekhawat : Aug 19, 2021, 10:42 AM
नई दिल्ली: अफगानिस्तान नहीं छोड़ता तो कत्लेआम को जाता. 15 अगस्त को काबुल से नहीं निकलता तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी...तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद निशाने पर आए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अब UAE से देश को सम्बोधित (Ashraf Ghani Video Message) किया है. वीडियो संदेश में उन्होंने ऐसी ही कुछ दलीलें देकर अफगानिस्तान छोड़ने के फैसले को ठीक बताया है.

बता दें कि फिलहाल अशरफ गनी अपने परिवार के साथ UAE में हैं. संयुक्त अरब अमीरात ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दे दी है. गनी ने वीडियो संदेश में कहा है कि अफगान वापसी को लेकर वह बातचीत कर रहे हैं.

वीडियो संदेश में अशरफ गनी ने कहा कि अगर वह काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहीं रहते तो कत्लेआम हो जाता. गनी ने आगे यह भी कहा कि वह अपनी मर्जी से काबुल से नहीं गए थे, बल्कि उन्हें ऐसा करने को कहा गया था. गनी ने कहा कि उन्हें ऐसा करने को सरकार के सलाहकारों ने ही कहा था. गनी ने कहा कि वह सुरक्षा कारणों की वजह से अफगानिस्तान से दूर हैं. अफगानी राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने अपने मुल्क के लोगों को खूनी जंग से बचाया है.

अफगानिस्तान को सीरिया नहीं बनने देना था - अशरफ गनी

अपने संदेश में गनी बोले, 'मैं अफगानिस्तान को दूसरा सीरिया का यमन बनने से रोकना चाहता था.' खुद पर पैसों से भरे बैग लेकर भागने के आरोपों पर अशरफ गनी ने कहा, 'ऐसे सभी आरोप सिर्फ अफवाह हैं. जो मेरी छवि खराब करने के लिए लगाए जा रहे हैं.'

गनी ने कहा कि उनकी अफगान वापसी को लेकर भी सलाह-मशवरा जारी है. अफगान के राष्ट्रपति ने अपने देश छोड़ने के फैसले को सही बताते हुए कहा, 'जो अफगान में 25 साल पहले हुआ था वह दोबारा होने वाला था. उसे होने से रोकना था.' उन्होंने कहा कि जबतक वह अफगान वापस नहीं आते हैं तबतक वह UAE से ही अफगान के नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाते रहेंगे.

तालिबान का जिक्र कर गनी ने आगे कहा, 'तालिबान के राजनीतिक नेतृत्व की बात करें तो यह उनकी और हमारी दोनों की विफलता है कि बातचीत से समाधान नहीं निकल पाया. शांति प्रक्रिया से जंग का खात्मा होना चाहिए.'

जलालाबाद में तीन लोगों की मौत

दूसरी तरफ अफगानिस्तान में तालिबान अपने विरोध में उठ रही आवाजों को कुचल रहा है. बुधवार को ही खबर आई कि जलालाबाद में तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलीबारी की गई. इसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई. पूर्वी शहर जलालाबाद में बड़ी संख्या में लोग देश के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले राष्ट्रीय ध्वज फहाराने के लिए एकत्रित हुए थे. उन्होंने तालिबान के झंडे को नीचे कर दिया था. एक वीडियो भी सामने आया था, इसमें तालिबान लड़ाके भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चला रहे हैं और भीड़ पर बलप्रयोग कर रहे हैं.