COVID-19 / कोरोना संकट के बीच राहत, खुद खत्म हो गया तिहरे म्यूटेशन वाला वेरिएंट

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर तकरीबन एक महीने बाद भी थमने का नाम नहीं ले रही है। रोजाना रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं, जबकि तीन हजार से ज्यादा लोगों की पिछले कई दिनों से डेली मौतें हो रही हैं। इस दौरान, कोरोना के दोहरे म्यूटेशन के बाद तिहरे म्यूटेशन के नए प्रकार ने लोगों की चिंता बढ़ा दी थी। पर एक अच्छी खबर है कि यह प्रकार बी. 1.1. 618 अब लगभग खत्म हो चुका है।

Vikrant Shekhawat : May 07, 2021, 09:48 PM
COVID-19 | देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर तकरीबन एक महीने बाद भी थमने का नाम नहीं ले रही है। रोजाना रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं, जबकि तीन हजार से ज्यादा लोगों की पिछले कई दिनों से डेली मौतें हो रही हैं। इस दौरान, कोरोना के दोहरे म्यूटेशन के बाद तिहरे म्यूटेशन के नए प्रकार ने लोगों की चिंता बढ़ा दी थी। पर एक अच्छी खबर है कि यह प्रकार बी. 1.1. 618 अब लगभग खत्म हो चुका है। भारतीय वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस पश्चिम बंगाल में पाया गया था लेकिन जीनोम सीक्वेंसिंग के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि अब यह गायब हो चुका है। पश्चिम बंगाल में अब दोहरे म्यूटेशन वाला प्रकार बी. 1.1. 617 हावी हो चुका है।

सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मालीक्युलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) के निदेशक डा. राकेश मिश्रा ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में कहा कहा कि पश्चिम बंगाल या देश के अन्य किसी हिस्से में अब इसके संक्रमण के मामले नहीं आ रहे हैं। लेकिन राज्य से लिए गए नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग बता रही है कि इसकी जगह अब डबल म्यूटेशन वाले वेरिएंट ने ले ली है जो कहीं ज्यादा तेजी से फैल रहा है। कोई प्रकार क्यों ज्यादा फैल रहा है, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन संक्रामकता ज्यादा होना एक प्रमुख वजह हो सकती है। जब कोई एक स्ट्रेन तेजी से फैलता है तो दूसरा कमजोर पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि अभी तक जिस प्रकार के नतीजे आ रहे हैं तो यह कहा जा सकता है कि तिहरे म्यूटेशन वाला कोरोना वेरिएंट अब मौजूद नहीं दिखता है।

प्राकृतिक कारणों से बदलाव

प्राकृतिक कारणों से वायरस में बदलाव होते रहते हैं। यह एक या इससे अधिक भी हो सकते हैं। बी. 1.1. 618 में तीन बदलाव देखे गए। पहला ई484के और दूसरा डी614जी। तीसरा बदलाव यह देखा गया है कि इसमें दो जीन एच146डीईएल तथा वाई445डीईएल गायब पाए गए हैं। मार्च अंत और अप्रैल के शुरू में पश्चिम बंगाल में इसका संक्रमण देखा गया था। हाल में नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने कहा था कि यूके वेरिएंट का प्रकोप भी देश में घट रहा है। साउथ अफ्रीकी वेरिएंट है लेकिन प्रसार सीमित है। जबकि ब्राजीली वेरिएंट के एक-दो मामले ही अब तक मिले हैं।

आंध्र प्रदेश में मिल चुका है नया वेरिएंट

वहीं, हाल ही में एक और नए वेरिएंट का पता चला है जो दस गुना ज्यादा संक्रामक है। हैदराबाद और गाजियाबाद की शोधकर्ताओं की टीम ने इस नए वेरिएंट एन440के का पता लगाया है। माना जा रहा है कि इस नए वेरिएंट के चलते देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण में काफी तेजी देखी गई है। शोधकर्ताओं ने बताया है कि यह वेरिएंट सबसे पहले आंध प्रदेश के करनूल शहर में पाया गया। इसे एपी वेरिएंट भी कहा जा रहा है। अब यह वेरिएंट आंध्र और तेलंगाना सहित देश के कई हिस्सों में तेजी से फैल रहा है। शोधकर्ताओं का दावा है कि दूसरी लहर के दौरान आंध्र और तेलंगाना में जितने भी नए मामले आए हैं, उसमें से एक तिहाई मामले इसी वेरिएंट के चलते आए हैं और यह लगातार फैलता ही जा रहा है।