AMAR UJALA : Sep 12, 2019, 03:26 PM
अगले महीने से शुरू होने वाली देश की पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस के यात्रियों को आईआरसीटीसी बड़ी सौगात देने जा रहा है। आईआरसीटीसी ने कहा है कि दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस के यात्रियों को मुफ्त में 25 लाख रुपये का रेल यात्रा बीमा मिलेगा। इसके अतिरिक्त यात्रियों को लखनऊ जंक्शन में रिटायरिंग रूम की सेवा भी मिलेगी। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को एग्जीक्यूटिव लाउंज भी मिलेगा। मीटिंग के लिए यात्री एग्जीक्यूटिव लाउंज बुक करा सकते हैं।
तेजस एक्सप्रेस में कोई कोटा नहींबता दें कि आईआरसीटीसी की दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस में कोई कोटा नहीं है। आईआरसीटीसी ने बताया है कि एग्जीक्यूटिव क्लास और एसी चेयर कार में विदेशी पर्यटकों के लिए पांच-पांच सीटें आरक्षित हैं।टिकट के साथ ही बुक कर सकेंगे कैब, होटलसिर्फ बीमा ही नहीं, बल्कि आईआरसीटीसी यात्रियों को कई और सुविधाएं उपलब्ध करा सकती है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आईआरसीटीसी ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव दिया है कि दिल्ली-लखनऊ और मुंबई-अहमदाबाद रूट पर चलने वाली पहली निजी तेजस एक्सप्रेस में यात्री टिकट बुक कराते वक्त घर से स्टेशन और स्टेशन से घर तक कैब बुकिंग, सफर के दौरान अपनी पसंद का भोजन और व्हीलचेयर सुविधा का लाभ ले सकते हैं। हालांकि अभी इस प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली है। किराया निर्धारित करने का अधिकार रेलवे के पासहालांकि इन ट्रेनों में किराया तय करने का अधिकार रेलवे बोर्ड के पास रहेगा। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव ने कहा कि अन्य कंपनियों को ट्रेन चलाने की मंजूरी देने से पहले एक नियामक का गठन होगा। यह नियामक किराये पर अंकुश लगाएगा, ताकि त्योहार के वक्त कंपनियां किराये को ज्यादा न बढ़ा सके। नियामक का कार्य बिलकुल विमानन क्षेत्र में कार्यरत नियामक की तरह होगा। मिलेंगी यह सुविधाएंरेलवे बोर्ड की तरफ से तैयार कराए गए ब्लू प्रिंट के मुताबिक, आईआरसीटीसी को इन ट्रेनों की जिम्मेदारी तीन साल के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सौंपी जा रही है। सप्ताह में छह दिन चलने वाली इन ट्रेनों में रेलवे की तरफ से दी जाने वाली कोई रियायत, मासिक पास, किराया छूट या अन्य विशेषाधिकार का लाभ नहीं दिया जाएगा। साथ ही इन दोनों ट्रेन में टिकट चेकिंग की व्यवस्था भी रेलवे के बजाय आईआरसीटीसी अपने स्तर पर करेगा।दुर्घटना के वक्त मुआवजा देगा रेलवेभले ही ट्रेन संचालन में सभी जिम्मेदारियां आईआरसीटीसी की होगी, लेकिन किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में इन दोनों ट्रेन के यात्रियों को मिलने वाले किसी भी प्रकार के मुआवजे की जिम्मेदारी रेलवे की ही होगी। साथ ही ट्रेन का संचालन दोबारा शुरू करने में भी रेलवे की तरफ से आईआरसीटीसी की मदद की जाएगी।
तेजस एक्सप्रेस में कोई कोटा नहींबता दें कि आईआरसीटीसी की दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस में कोई कोटा नहीं है। आईआरसीटीसी ने बताया है कि एग्जीक्यूटिव क्लास और एसी चेयर कार में विदेशी पर्यटकों के लिए पांच-पांच सीटें आरक्षित हैं।टिकट के साथ ही बुक कर सकेंगे कैब, होटलसिर्फ बीमा ही नहीं, बल्कि आईआरसीटीसी यात्रियों को कई और सुविधाएं उपलब्ध करा सकती है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आईआरसीटीसी ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव दिया है कि दिल्ली-लखनऊ और मुंबई-अहमदाबाद रूट पर चलने वाली पहली निजी तेजस एक्सप्रेस में यात्री टिकट बुक कराते वक्त घर से स्टेशन और स्टेशन से घर तक कैब बुकिंग, सफर के दौरान अपनी पसंद का भोजन और व्हीलचेयर सुविधा का लाभ ले सकते हैं। हालांकि अभी इस प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली है। किराया निर्धारित करने का अधिकार रेलवे के पासहालांकि इन ट्रेनों में किराया तय करने का अधिकार रेलवे बोर्ड के पास रहेगा। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव ने कहा कि अन्य कंपनियों को ट्रेन चलाने की मंजूरी देने से पहले एक नियामक का गठन होगा। यह नियामक किराये पर अंकुश लगाएगा, ताकि त्योहार के वक्त कंपनियां किराये को ज्यादा न बढ़ा सके। नियामक का कार्य बिलकुल विमानन क्षेत्र में कार्यरत नियामक की तरह होगा। मिलेंगी यह सुविधाएंरेलवे बोर्ड की तरफ से तैयार कराए गए ब्लू प्रिंट के मुताबिक, आईआरसीटीसी को इन ट्रेनों की जिम्मेदारी तीन साल के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सौंपी जा रही है। सप्ताह में छह दिन चलने वाली इन ट्रेनों में रेलवे की तरफ से दी जाने वाली कोई रियायत, मासिक पास, किराया छूट या अन्य विशेषाधिकार का लाभ नहीं दिया जाएगा। साथ ही इन दोनों ट्रेन में टिकट चेकिंग की व्यवस्था भी रेलवे के बजाय आईआरसीटीसी अपने स्तर पर करेगा।दुर्घटना के वक्त मुआवजा देगा रेलवेभले ही ट्रेन संचालन में सभी जिम्मेदारियां आईआरसीटीसी की होगी, लेकिन किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में इन दोनों ट्रेन के यात्रियों को मिलने वाले किसी भी प्रकार के मुआवजे की जिम्मेदारी रेलवे की ही होगी। साथ ही ट्रेन का संचालन दोबारा शुरू करने में भी रेलवे की तरफ से आईआरसीटीसी की मदद की जाएगी।