Vikrant Shekhawat : Feb 12, 2021, 10:12 AM
नई दिल्ली. राजधानी नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) में अब तेजस रैक लगेंगे. उत्तर रेलवे के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था 15 फरवरी से लेकर 31 मार्च तक के लिए होगी. वंदे भारत देश की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है, जिसके संचालन की जिम्मेदारी रेलवे के (Indian Railways) पास ही है. वर्तमान में, 4 जोड़ी तेजस ट्रेनें (Tejas Express Trains) अलग-अलग रूटों पर चल रही हैं. इसमें से दो छात्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल से कारमली और चेन्नई इगमोर से मदुरई जंक्शन के बीच चलती हैं. इसका संचालन भी रेलवे ही करता है. जबकि, अन्य दो रूट लखनऊ-नई दिल्ली और मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद पर चलने वाली तेजस की जिम्मेदारी IRCTC की है. नई व्यवस्था के बाद रेलवे के पास तीन तेजस की जिम्मेदारी होगी.
दरअसल, वर्तमान में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में T-18 रैक का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन, कुछ समय के लिए इसमें एलएचबी कोच वाले तेजस एक्सप्रेस का इस्तेमाल किया जाएगा. T-18 रैक को शुरू होने के बाद से अब तक एक बार भी मेंटेनेंस के लिए नहीं भेजा गया है. लेकिन, अब T-18 रैक को इंटरमीडिएट ओवरहॉलिंग के लिए फैक्टरी में भेजा जाएगा. मेंटेनेंस से आने के बाद ही रैक का इस्तेमाल वंदे भारत एक्सप्रेस में होगा. T-18 रैक को मेंटेनेंस के लिए शेड्यूल तय कर लिया गया है. इन्हें लखनऊ के चारबाग और दिल्ली के शकूर बस्ती मेंटेनेंस शेड में भेजा जाएगा. इसके लिए जरूरी व्यवस्था कर दी गई है.
बता दें कि नियमानुसार, 18 महीना पूरा होने या फिर 6 लाख किलोमीटर की रनिंग के बाद T-18 रैक की ओवरहॉलिंग जरूरी है, लेकिन इस प्रक्रिया को अब तक नहीं पूरा किया जा सका था.
साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी. यह ‘मेड इन इंडिया’ ट्रेन नई दिल्ली और वाराणसी के बीच की दूरी 8 घंटे में तय करती है. सोमवार और गुरुवार को छोड़कर यह सप्ताह में 5 दिन चलती है.
इन सुविधाओं से लैस है वंदे भारत:एसी कोच के अलावा वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों को कई तरह की बेहद खास सुविधाएं मिलती हैं. इस ट्रेन में हाईस्पीड वाईफाई की सुविधा, जीपीएस आधारित पीआईएस, टच फ्री बायो वैक्युम टॉयलेट्स, मोबाइल चार्जिंग स्लॉट्स, ऑटोमेटिक क्लामेट कंट्रोल सिस्टम और एलईडी लाइट्स भी हैं.
16 डिब्बों वाली इस एसी ट्रेन में 2 एग्जीक्युटिव डिब्बे भी हैं, जिनमें 52 सीटें ही हैं. इसके अलावा अन्य डिब्बों में 78 सीटें हैं. एग्जीक्युटिव क्लास में रोटेटिंग सीटें ताकि ट्रेन चलने की दिशा में आराम से बैठा जा सके.
दरअसल, वर्तमान में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में T-18 रैक का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन, कुछ समय के लिए इसमें एलएचबी कोच वाले तेजस एक्सप्रेस का इस्तेमाल किया जाएगा. T-18 रैक को शुरू होने के बाद से अब तक एक बार भी मेंटेनेंस के लिए नहीं भेजा गया है. लेकिन, अब T-18 रैक को इंटरमीडिएट ओवरहॉलिंग के लिए फैक्टरी में भेजा जाएगा. मेंटेनेंस से आने के बाद ही रैक का इस्तेमाल वंदे भारत एक्सप्रेस में होगा. T-18 रैक को मेंटेनेंस के लिए शेड्यूल तय कर लिया गया है. इन्हें लखनऊ के चारबाग और दिल्ली के शकूर बस्ती मेंटेनेंस शेड में भेजा जाएगा. इसके लिए जरूरी व्यवस्था कर दी गई है.
बता दें कि नियमानुसार, 18 महीना पूरा होने या फिर 6 लाख किलोमीटर की रनिंग के बाद T-18 रैक की ओवरहॉलिंग जरूरी है, लेकिन इस प्रक्रिया को अब तक नहीं पूरा किया जा सका था.
साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी. यह ‘मेड इन इंडिया’ ट्रेन नई दिल्ली और वाराणसी के बीच की दूरी 8 घंटे में तय करती है. सोमवार और गुरुवार को छोड़कर यह सप्ताह में 5 दिन चलती है.
इन सुविधाओं से लैस है वंदे भारत:एसी कोच के अलावा वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों को कई तरह की बेहद खास सुविधाएं मिलती हैं. इस ट्रेन में हाईस्पीड वाईफाई की सुविधा, जीपीएस आधारित पीआईएस, टच फ्री बायो वैक्युम टॉयलेट्स, मोबाइल चार्जिंग स्लॉट्स, ऑटोमेटिक क्लामेट कंट्रोल सिस्टम और एलईडी लाइट्स भी हैं.
16 डिब्बों वाली इस एसी ट्रेन में 2 एग्जीक्युटिव डिब्बे भी हैं, जिनमें 52 सीटें ही हैं. इसके अलावा अन्य डिब्बों में 78 सीटें हैं. एग्जीक्युटिव क्लास में रोटेटिंग सीटें ताकि ट्रेन चलने की दिशा में आराम से बैठा जा सके.