AMAR UJALA : Sep 14, 2020, 10:28 PM
बिज़नेस डेस्क | केंद्र सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। सरकार ने यह फैसला देश में प्याज की उपलब्धता को बढ़ाने और घरेलू बाजार में इसकी लगातार बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने के लिए लिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया, 'प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है।' डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय का अंग है जो आयात-निर्यात संबंधी मामलों को देखता है।
बता दें कि दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के चलते इस बार प्याज की फसल को खासा नुकसान हुआ है। इसके चलते घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें भी काफी बढ़ रही हैं। थोक मंडियों में आठ अगस्त के बाद से प्याज की कीमत बढ़ रही है। भारत ने अप्रैल से जून के बीच करीब 19.8 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया है। पिछले साल 44 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया गया था। भारत से सबसे ज्यादा प्याज का निर्यात श्रीलंका, बांग्लादेश, मलयेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को होता है। पिछले साल भी लगाया था प्रतिबंधइससे पहले सरकार ने सितंबर 2019 में भी प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी। उस समय मांग और आपूर्ति में बहुत ज्यादा अंतर आ जाने की वजह से प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी थीं। महाराष्ट्र जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश और बाढ़ के चलते प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था।
बता दें कि दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के चलते इस बार प्याज की फसल को खासा नुकसान हुआ है। इसके चलते घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें भी काफी बढ़ रही हैं। थोक मंडियों में आठ अगस्त के बाद से प्याज की कीमत बढ़ रही है। भारत ने अप्रैल से जून के बीच करीब 19.8 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया है। पिछले साल 44 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया गया था। भारत से सबसे ज्यादा प्याज का निर्यात श्रीलंका, बांग्लादेश, मलयेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को होता है। पिछले साल भी लगाया था प्रतिबंधइससे पहले सरकार ने सितंबर 2019 में भी प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी। उस समय मांग और आपूर्ति में बहुत ज्यादा अंतर आ जाने की वजह से प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी थीं। महाराष्ट्र जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश और बाढ़ के चलते प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था।