Vikrant Shekhawat : Dec 07, 2021, 10:50 AM
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को संसद को बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है और प्रस्तावित सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) में अस्थिरता नहीं होगी, जो आमतौर पर निजी आभासी मुद्राओं के साथ जुड़ी रहती है। हालांकि लोकसभा को बताया गया है कि सीबीडीसी के साथ जोखिम भी जुड़े हुए हैं, जिनका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।वित्त राज्य मंत्री ने लोकसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया 'चूंकि सीबीडीसी को देश के केंद्रीय बैंक का समर्थन प्राप्त है, इसलिए अन्य लाभों के अलावा, इसमें अस्थिरता नहीं होगी, जो सामान्य रूप से निजी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी रहती है।' उन्होंने कहा कि सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अक्टूबर, 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन करने के लिए एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है ताकि डिजिटल रूप में मुद्रा को शामिल करने के लिए बैंक नोट की परिभाषा का दायरा बढ़ाया जा सके।मंत्री ने कहा कि आरबीआई इस्तेमाल के मामलों की समीक्षा कर रहा है और सीबीडीसी को बिना किसी व्यवधान या कम व्यवधान के साथ शुरू करने के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीबीडीसी की शुरुआत में महत्त्वपूर्ण लाभ प्रदान किए जाने की क्षमता है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, लेनदेन की कम लागत के कारण अधिक सिनीयरेज और निपटान जोखिम की कमी।सीबीडीसी की शुरुआत से संभवत: अधिक दमदार, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और कानूनी निविदा-आधारित भुगतान विकल्प का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि हालांकि इससे जुड़े जोखिम भी हैं, जिनका संभावित लाभ की तुलना में सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में क्रिप्टोकरेंसी अविनियमित हैं।क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के विनियमन पर एक विधेयक लोकसभा में पेश करने के लिए शामिल किया गया है। वित्त वर्ष 22 के पहले सात महीनों के दौरान आईपीओ के माध्यम से 52,759 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को बताया कि इस वित्त वर्ष में अक्टूबर तक 61 कंपनियों द्वारा आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के जरिये कुल 52,759 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष में इस राह से जुटाए गए धन के मुकाबले अधिक है।