Vikrant Shekhawat : Apr 14, 2021, 07:11 AM
नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को कहा है कि वह 1 जून, 2021 से स्वर्ण आभूषण (gold jewellery) और उत्पादों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग (hallmarking) को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। गोल्ड हॉलमार्किंग कीमती धातु का शुद्धता प्रमाणपत्र है और वर्तमान में यह स्वैच्छिक है।केंद्र सरकार ने नवंबर, 2019 में घोषणा की थी कि गोल्ड ज्वेलरी व उत्पादों के लिए पूरे देश में अनिवार्य हॉलमार्किंग 15 जनवरी, 2021 से प्रभावी होगी। सरकार ने ज्वेलर्स को हॉलमार्किंग को अपनाने और अपने आप को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के साथ रजिस्टर्ड करवाने के लिए एक साल से भी अधिक समय दिया था। लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण ज्वेलर्स ने इसके लिए और समय की मांग की थी, जिसके बाद सरकार ने हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने की समय-सीमा चार माह बढ़ाकर 1 जून, 2021 कर दी थी। उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा कि अब इस समय-सीमा को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। बीआईएस पूरी तरह से तैयार है और हॉलमार्किंग के लिए ज्वेलर्स को मंजूरी देने में व्यस्त है। बीआईएस के डायरेक्टर-जनरल प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि जून से, हम अनिवार्य हॉलमार्किंग को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वर्तमान में, हमें अभी तक समय-सीमा को आगे बढ़ाने के लिए कोई मांग प्राप्त नहीं हुई है। अभी तक 34,647 ज्वेलर्स ने अपने आप को बीआईएस के साथ रजिस्टर्ड करवाया है। उन्होंने बताया कि अगले एक-दो महीने में लगभग 1 लाख ज्वेलर्स का रजिस्ट्रेशन होने की उम्मीद है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑटोमैटिक है। 1 जून से, ज्वेलर्स को केवल 14,18 और 22 कैरेट की गोल्ड ज्वेलरी ही बेचने की अनुमति होगी।बीआईएस गोल्ड ज्वेलरी के लिए अप्रैल 2000 से ही हॉलमार्किंग स्कीम का परिचालन कर रहा है और वर्तमान में लगभग 40 प्रतिशत गोल्ड ज्वेलरी को हॉलमार्क के साथ बेचा जा रहा है। बीआईएस के मुताबिक अनिवार्य हॉलमार्किंग उपभोक्ताओं को निम्न कैरेट की ज्वेलरी और धोखाधड़ी से बचाएगा। ग्राहकों को उसी शुद्धता का सोना मिलेगा, जितना गोल्ड ज्वेलरी पर लिखा होगा।भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है, जिसके माध्यम से मुख्यता ज्वेलरी इंडस्ट्री की मांग को पूरा किया जाता है। मात्रा के मामले में, भारत हर साल 700-800 टन सोने का आयात करता है।