India-Greece News / यूनान के प्रधानमंत्री और पीएम मोदी की फोन पर बात, कई मुद्दों पर हुई अहम चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीस के प्रधानमंत्री कायरियाकोस मित्सोताकिस से फोन पर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने भारत-ग्रीस साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई और व्यापार, रक्षा, तथा नौवहन में हुई प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान आईएमईईसी गलियारे पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ।

Vikrant Shekhawat : Nov 02, 2024, 03:40 PM
India-Greece News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रीस के प्रधानमंत्री कायरियाकोस मित्सोताकिस के साथ टेलीफोन पर एक महत्वपूर्ण बातचीत की। इस वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और ग्रीस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति का जायजा लिया और इसे और गहरा करने के अपने संकल्प को दोहराया। हाल के उच्च-स्तरीय बैठकों के बाद संबंधों में आए सकारात्मक बदलावों की प्रधानमंत्री मोदी ने सराहना की। भारत और ग्रीस के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने का यह प्रयास दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

पुनः निर्वाचित होने पर पीएम मोदी को बधाई

ग्रीक प्रधानमंत्री मित्सोताकिस ने प्रधानमंत्री मोदी को हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में जीत के लिए हार्दिक बधाई दी। इस अवसर पर, उन्होंने अपनी इस वर्ष की भारत यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में हुए विकास और प्रगति की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने व्यापार, रक्षा, नौवहन, संपर्क, और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुए सकारात्मक बदलावों की सराहना की।

क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा

इस वार्ता में, दोनों नेताओं ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) पर चर्चा की, जिसे पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य एशिया से यूरोप तक संपर्क बढ़ाना और व्यापारिक अवसरों का विस्तार करना है, जिससे संबंधित देशों को आर्थिक लाभ मिलेगा।

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी और मित्सोताकिस ने पश्चिम एशिया के हालिया घटनाक्रम पर भी विचार-विमर्श किया, जो इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत-ग्रीस संबंधों में नई संभावनाएं

भारत और ग्रीस के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंध, आर्थिक गलियारा परियोजना जैसे साझेदारियों के जरिए और मजबूत हो सकते हैं। यह वार्ता दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को एक नई दिशा देने और वैश्विक मंच पर साझा हितों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।