Gyanvapi Masjid Case / ज्ञानवापी मस्जिद केस सिविल जज से फास्ट ट्रैक कोर्ट ट्रांसफर, 30 मई को होगी अगली सुनवाई

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में मिले शिवलिंग के पूजा से संबंधित याचिका पर सुनवाई अब फास्ट ट्रैक में होगी. इस याचिका को सिविल जज से फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है. लेकिन आज फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज उपलब्ध नहीं हैं इसलिए 30 मई को सुनवाई होगी

Vikrant Shekhawat : May 25, 2022, 05:48 PM
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में मिले शिवलिंग के पूजा से संबंधित याचिका पर सुनवाई अब फास्ट ट्रैक में होगी. इस याचिका को सिविल जज से फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है. लेकिन आज फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज उपलब्ध नहीं हैं इसलिए 30 मई को सुनवाई होगी. इस मामले की सुनवाई जज मयंक पांडे करेंगे. दरअसल विश्व विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह ने वाराणसी कोर्ट (Varanasi Court) में मंगलवार को याचिका दाखिल की थी. जिसे कोर्ट ने स्वीकर करते हुए आज की तारीख दी थी. किरण सिंह ने पूरा परिसर हिंदुओं को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापीमें पूजा करने, तत्काल प्रभाव से मुसलमानों के रोक और गुंबद गिराने की मांग की है.


ज्ञानवापी मामले में कब क्या हुआ?


  • 1984 में दिल्ली की धर्म संसद में हिंदुओं के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों काशी के साथ अयोध्या और मथुरा को मुक्त कराने की बात सबसे पहले उठी थी.
  • 1991 में वाराणसी कोर्ट में व्यास जी समेत हरिहर पांडे वगैरह ने याचिका दायर कर ज्ञानवापी परिसर में पूजा पाठ करने और मस्जिद को सौंपने की मांग की थी.
  • 1998 में अंजुमन इंतज़ामिया मसाजिद कमेटी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली कोर्ट की सुनवाई पर रोक दी थी.
  • 2019 में जिला कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के पुरात्तव विभाग से सर्वे कराने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई थी.
  • 2020 में अंजुमन इंतजाम कमेटी ने पुरात्तव विभाग से सर्वे कराने की मांग वाली याचिका का विरोध किया. अभी यह विवाद चल ही रहा था कि 17-18 अगस्त 2021 को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित मां श्रृंगार गोरी मंदिर में रोजाना पूजा और आरती की मांग को लेकर राखी सिंह समेत 5 महिलाओं ने यह याचिका दायर कर दी.
  • वहीं 26 अप्रैल 2022 को वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ सर्वे कराने का आदेश दिया. इसके बाद 6 मई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे शुरू तो हुआ लेकिन विरोध के कारण पूरा नहीं हो सका.
  • 7 मई को सर्वे करने वाली टीम ने सर्वे का काम रोक दिया. कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को बदलने की मांग को लेकर अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी ने कोर्ट में आपत्ति दाखिल की.
  • इसके बाद कोर्ट ने एक असिस्टेंट कोर्ट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह और विशेष सहायक आयुक्त विशाल सिंह की नियुक्ति करते हुए 14, 15 और 16 मई को सर्वे की तारीख तय की थी.
  • वहीं सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने की बात कही. जिसके बाद कोर्ट ने उस स्थान पर सुरक्षित करने का आदेश दे दिया.
  • वहीं अब दोनों पक्ष की तरफ से इन सभी मामलों पर याचिका दायर की गई है. जिसको लेकर कोर्ट 26 मई को सुनवाई करेगी.
  • वहीं शिवलिंग मिलने के बाद अब हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद में मुसलमानों के जाने पर प्रतिबंध लगाने और पूजा करने की इजाजत मांगी थी. जिस पर आज सुनवाई होनी थी.
गुंबद गिराने की मांग

दरअसल विश्व विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह ने मंगलवार को याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने मांग की थी कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा की अनुमति दी जाए. वहीं विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जीतेन्द्र सिंह बिसेन ने कहा कि हमारी ओर से तीन मांगें रखी गई थीं. जिसमें मुसलमानों का ज्ञानवापी में जाने पर रोक, गुंबद गिराने और शिवलिंग के पूजा करने का अधिकार शामिल हैं. कोर्ट ने याचिका को स्वीकर करते हुए सुनवाई के लिए 25 मई की तारीख तय की थी. जिसको अब फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है. जितेंद्र सिंह बिसेन ही मां शृंगार गौरी प्रकरण से संबंधित राखी सिंह के मुकदमे के पैरोकार हैं. जिसकी सुनवाई के लिए कोर्ट ने 26 मई की तारीख निर्धारित की है