Vikrant Shekhawat : Mar 08, 2023, 09:03 AM
H3N2 Virus Symptoms : H3N2 इन्फ्लूएंजा एक वायरल बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है. H3N2 इन्फ्लूएंजा के मामलों जिस तेज़ी से बढ़े हैं उसे देखकर डॉक्टर्स भी हैरान है. ये फ्लू कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर अटैक कर रहा है. पिछले दो महीने से राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई हिस्सों में इन्फ्लूएंजा के मामले रॉकेट की रफ्तार से बढ़े है.
कोरोना महामारी के बाद H3N2 के बढ़ते मामलों से लोगों में डर है, क्योंकि इससे जूझ रहे मरीजों में कोरोना जैसे ही लक्षण दिख रहे हैं. H3N2 इन्फ्लूएंजा में खांसी, सर्दी और जुखाम के साथ साथ बुखार लंबे समय तक बना रहता है.
बच्चों को भी अपनी पकड़ में ले रहा है H3N2बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से ये वायरस बच्चों को भी बड़ी संख्या में इफेक्ट कर रहा है. बच्चों में H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण भी ठीक वैस ही है जैसे कोरोना में नजर आते है.
- H3N2 इन्फ्लूएंजा की वजह से बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
- इसमें बच्चों को 100 डिग्री से ज्यादा बुखार आ सकता है.
- इसके अलावा बच्चों के होंठ और चेहरा नीला पड़ सकता है.
- सीने और मासपेशियों में दर्द और डिहाइड्रेशन हो सकती है.
- बुखार और खांसी के ठीक होने के बाद दोबारा आना भी H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण है
- H3N2 इन्फ्लूएंजा में कोई पुरानी बीमारी भी दोबारा उबरना सकती है.
ये फ्लू इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि इसके बच्चों में लक्षण अलग है और वयस्क व्यक्ति मनें लक्षण अलग दिख रहे है.
- H3N2 इन्फ्लूएंजा से पीड़ित वयस्क व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत के साथ साथ सांस फूलने की शिकायत हो सकती है.
- इसके अलावा छाती या पेट में दर्द
- लगातार या अचानक चक्कर आना
- यूरिन नहीं आना भी H3N2 इन्फ्लूएंजा का लक्षण है
- मासपेशियों में दर्द, ज्यादा कमजोरी महसूस होना
- बुखार और खांसी एक बार ठीक होने के बाद दोबारा लौट आना
- और किसी पुरानी बीमारी का फिर उभरना भी इसे वायरस के लक्षण है...
कैसे फैलता है यह इन्फ्लूएंजाइन्फ्लूएंजा से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके ड्रॉपलेट हवा में एक मीटर तक फैल सकते हैं और जब कोई दूसरा व्यक्ति सांस लेता है तो ये ड्रॉपलेट उसके शरीर में चले जाते हैं और उसे संक्रमित कर देते हैं. ये ठीक वैसा ही है जैसा कोरोना में होता है. इससे साफ है कि H3N2 इन्फ्लूएंजा हवा के जरिए भी फैल सकता है...
देशभर में कितने मरीजICMR के मुताबिक 15 दिसंबर से बुखार के जितने भी मामले आए है उनमें आधे में इन्फ्लूएंजा A का सब टाइप H3N2 पाया गया है. इतना ही नहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों में से आधे H3N2 के शिकार है. कुल भर्ती मरीजों की बात करें तो 92% को बुखार, 86% को खांसी और 27% को सांस लेने में दिक्कत हुई है. इसके अलावा H3N2 के शिकार 10% मरीजों को ऑक्सीजन और 7% को ICU की जरुरत पड़ रही है।
खतरा इसलिए भी बड़ा है क्योंकि बच्चों में इसके अलग लक्षण है और बड़ों में अलग. सवाल ये भी है कि क्या ये कोरोना का ही कोई दूसरा रूप है. डॉक्टर्स भी H3N2 इन्फ्लूएंजा से बहुत ज्यादा सावधान रहने की सलाह दे रहे है.
यहां ये समझना भी जरूरी है कि किन मरीजों को एक्स्ट्रा सावधानी बरती चाहिए
- अस्थमा या लंग्स इन्फेक्शन वाले मरीजों की H3N2 इन्फ्लूएंजा की वजह से समस्या बढ़ सकती है.
- बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को H3N2 इन्फ्लूएंजा ज्यादा प्रभावित करता है.
- जिस तेज़ी से H3N2 इन्फ्लूएंजा फैला है उसे देखते हुए ऐसे लोगों को प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए
डरने की जरुरत नहींH3N2 वायरस H1N1 वायरस का म्यूटेशन है...जो इसी समय पर हर साल फैलता है...डॉक्टर कह रहे हैं कि डरने की कोई जरूरत नहीं है...बस सावधान रहने की आवश्यकता है...संयम रखना जरूरी है....
बचने के लिए क्या करें:-
- इन्फ्लूएंजा से बचने के लिए फेस मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
- हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोते रहें.
- बार बार नाक और मुंह को छूने से बचें
- खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह से कवर करें
- खुद को हाइड्रेट रखें, पानी के अलावा फ्रूट जूस या अन्य पेय पदार्थ लेते रहें
- बुखार आने की स्थिति में पैरासिटामोल लें.
-गंभीर स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
तरल पदार्थों में हल्दी डालकर पिएंडॉक्टर ने बताया कि हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन पदार्थ में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। हल्दी खांसी और बुखार का बढ़िया इलाज है। इसकी पावर बढ़ाने के लिए आप इसे काली मिर्च के साथ ले सकते हैं। आप 1 चम्मच हल्दी और 1/8 चम्मच काली मिर्च को संतरे के रस, चाय या सूप में मिलाकर ले सकते हैं। यह ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और ऊपरी श्वसन रोगों से निपटने के लिए शक्तिशाली इलाज है।
हाइड्रेटेड रहेंहाइड्रेटेड रहने से शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है। इसके लिए बहुत सारे तरल पदार्थ जैसे पानी, डिकैफ़िनेटेड चाय, जूस और सूप लें। मीठे पेय पदार्थ, सोडा, शराब और कॉफी जैसे पेय पदार्थों से बचें। प्यास नहीं लगने पर भी पानी पीते रहें।
विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएंविटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं और आपको सर्दी और खांसी पैदा करने वाले वायरस से बचाती हैं। आंवला, संतरा, नींबू जैसी चीजों का खूब सेवन करें।
खांसी-बुखार के लिए अदरक है बेस्टर्दी, बुखार, खांसी और फ्लू के अन्य लक्षणों को खत्म करने के लिए अदरक एक पावरफुल जड़ी बूटी है। आप लक्षणों को कम करने के लिए अदरक की चाय या फिर अदरक का पानी पी सकते हैं।
नमक के पानी से गरारे करेंनमक के पानी से गरारे करने से ऊपरी श्वसन संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है। यह बुखार और खांसी को कम करने में मदद करता है, साथ ही गले के संक्रमण को भी कम करता है। नमक के पानी से गरारे करने से बलगम कम होता है और ढीला होता है, जो बैक्टीरिया और एलर्जी का बड़ा कारण है।
शहद और तुलसीशहद, अदरक और तुलसी को पावरफुल जड़ी बूटी माना जाता है। सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों को कम करने के लिए सादा पानी पीने के बजाय पानी में शहद, अदरक और तुलसी को उबालकर पिएं। इससे साइनस को खोलने, गले का संक्रमण खत्म करने और खांसी रोकने में मदद मिल सकती है।
बुखार में आराम करेंबुखार से आपका शरीर कमजोर हो सकता है क्योंकि उसे संक्रमण से लड़ने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए जितना हो सके आराम करें। साथ ही कोई भी हार्ड फिजिकल एक्टिविटी न करें रात को आठ से नौ घंटे या ज्यादा सोने की कोशिश करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
कोरोना महामारी के बाद H3N2 के बढ़ते मामलों से लोगों में डर है, क्योंकि इससे जूझ रहे मरीजों में कोरोना जैसे ही लक्षण दिख रहे हैं. H3N2 इन्फ्लूएंजा में खांसी, सर्दी और जुखाम के साथ साथ बुखार लंबे समय तक बना रहता है.
बच्चों को भी अपनी पकड़ में ले रहा है H3N2बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से ये वायरस बच्चों को भी बड़ी संख्या में इफेक्ट कर रहा है. बच्चों में H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण भी ठीक वैस ही है जैसे कोरोना में नजर आते है.
- H3N2 इन्फ्लूएंजा की वजह से बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
- इसमें बच्चों को 100 डिग्री से ज्यादा बुखार आ सकता है.
- इसके अलावा बच्चों के होंठ और चेहरा नीला पड़ सकता है.
- सीने और मासपेशियों में दर्द और डिहाइड्रेशन हो सकती है.
- बुखार और खांसी के ठीक होने के बाद दोबारा आना भी H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण है
- H3N2 इन्फ्लूएंजा में कोई पुरानी बीमारी भी दोबारा उबरना सकती है.
ये फ्लू इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि इसके बच्चों में लक्षण अलग है और वयस्क व्यक्ति मनें लक्षण अलग दिख रहे है.
- H3N2 इन्फ्लूएंजा से पीड़ित वयस्क व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत के साथ साथ सांस फूलने की शिकायत हो सकती है.
- इसके अलावा छाती या पेट में दर्द
- लगातार या अचानक चक्कर आना
- यूरिन नहीं आना भी H3N2 इन्फ्लूएंजा का लक्षण है
- मासपेशियों में दर्द, ज्यादा कमजोरी महसूस होना
- बुखार और खांसी एक बार ठीक होने के बाद दोबारा लौट आना
- और किसी पुरानी बीमारी का फिर उभरना भी इसे वायरस के लक्षण है...
कैसे फैलता है यह इन्फ्लूएंजाइन्फ्लूएंजा से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके ड्रॉपलेट हवा में एक मीटर तक फैल सकते हैं और जब कोई दूसरा व्यक्ति सांस लेता है तो ये ड्रॉपलेट उसके शरीर में चले जाते हैं और उसे संक्रमित कर देते हैं. ये ठीक वैसा ही है जैसा कोरोना में होता है. इससे साफ है कि H3N2 इन्फ्लूएंजा हवा के जरिए भी फैल सकता है...
देशभर में कितने मरीजICMR के मुताबिक 15 दिसंबर से बुखार के जितने भी मामले आए है उनमें आधे में इन्फ्लूएंजा A का सब टाइप H3N2 पाया गया है. इतना ही नहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों में से आधे H3N2 के शिकार है. कुल भर्ती मरीजों की बात करें तो 92% को बुखार, 86% को खांसी और 27% को सांस लेने में दिक्कत हुई है. इसके अलावा H3N2 के शिकार 10% मरीजों को ऑक्सीजन और 7% को ICU की जरुरत पड़ रही है।
खतरा इसलिए भी बड़ा है क्योंकि बच्चों में इसके अलग लक्षण है और बड़ों में अलग. सवाल ये भी है कि क्या ये कोरोना का ही कोई दूसरा रूप है. डॉक्टर्स भी H3N2 इन्फ्लूएंजा से बहुत ज्यादा सावधान रहने की सलाह दे रहे है.
यहां ये समझना भी जरूरी है कि किन मरीजों को एक्स्ट्रा सावधानी बरती चाहिए
- अस्थमा या लंग्स इन्फेक्शन वाले मरीजों की H3N2 इन्फ्लूएंजा की वजह से समस्या बढ़ सकती है.
- बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को H3N2 इन्फ्लूएंजा ज्यादा प्रभावित करता है.
- जिस तेज़ी से H3N2 इन्फ्लूएंजा फैला है उसे देखते हुए ऐसे लोगों को प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए
डरने की जरुरत नहींH3N2 वायरस H1N1 वायरस का म्यूटेशन है...जो इसी समय पर हर साल फैलता है...डॉक्टर कह रहे हैं कि डरने की कोई जरूरत नहीं है...बस सावधान रहने की आवश्यकता है...संयम रखना जरूरी है....
बचने के लिए क्या करें:-
- इन्फ्लूएंजा से बचने के लिए फेस मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
- हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोते रहें.
- बार बार नाक और मुंह को छूने से बचें
- खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह से कवर करें
- खुद को हाइड्रेट रखें, पानी के अलावा फ्रूट जूस या अन्य पेय पदार्थ लेते रहें
- बुखार आने की स्थिति में पैरासिटामोल लें.
-गंभीर स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
तरल पदार्थों में हल्दी डालकर पिएंडॉक्टर ने बताया कि हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन पदार्थ में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। हल्दी खांसी और बुखार का बढ़िया इलाज है। इसकी पावर बढ़ाने के लिए आप इसे काली मिर्च के साथ ले सकते हैं। आप 1 चम्मच हल्दी और 1/8 चम्मच काली मिर्च को संतरे के रस, चाय या सूप में मिलाकर ले सकते हैं। यह ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और ऊपरी श्वसन रोगों से निपटने के लिए शक्तिशाली इलाज है।
हाइड्रेटेड रहेंहाइड्रेटेड रहने से शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है। इसके लिए बहुत सारे तरल पदार्थ जैसे पानी, डिकैफ़िनेटेड चाय, जूस और सूप लें। मीठे पेय पदार्थ, सोडा, शराब और कॉफी जैसे पेय पदार्थों से बचें। प्यास नहीं लगने पर भी पानी पीते रहें।
विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएंविटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं और आपको सर्दी और खांसी पैदा करने वाले वायरस से बचाती हैं। आंवला, संतरा, नींबू जैसी चीजों का खूब सेवन करें।
खांसी-बुखार के लिए अदरक है बेस्टर्दी, बुखार, खांसी और फ्लू के अन्य लक्षणों को खत्म करने के लिए अदरक एक पावरफुल जड़ी बूटी है। आप लक्षणों को कम करने के लिए अदरक की चाय या फिर अदरक का पानी पी सकते हैं।
नमक के पानी से गरारे करेंनमक के पानी से गरारे करने से ऊपरी श्वसन संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है। यह बुखार और खांसी को कम करने में मदद करता है, साथ ही गले के संक्रमण को भी कम करता है। नमक के पानी से गरारे करने से बलगम कम होता है और ढीला होता है, जो बैक्टीरिया और एलर्जी का बड़ा कारण है।
शहद और तुलसीशहद, अदरक और तुलसी को पावरफुल जड़ी बूटी माना जाता है। सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों को कम करने के लिए सादा पानी पीने के बजाय पानी में शहद, अदरक और तुलसी को उबालकर पिएं। इससे साइनस को खोलने, गले का संक्रमण खत्म करने और खांसी रोकने में मदद मिल सकती है।
बुखार में आराम करेंबुखार से आपका शरीर कमजोर हो सकता है क्योंकि उसे संक्रमण से लड़ने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए जितना हो सके आराम करें। साथ ही कोई भी हार्ड फिजिकल एक्टिविटी न करें रात को आठ से नौ घंटे या ज्यादा सोने की कोशिश करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।