Vikrant Shekhawat : Jan 03, 2025, 04:35 PM
China News: 5 साल पहले चीन में फैला कोरोना वायरस दुनियाभर में तबाही मचा चुका है, और अब एक बार फिर चीन से एक नए वायरस की खबर आ रही है। इस वायरस का नाम ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस (Human Metapneumovirus) है। चिंता की बात यह है कि इस वायरस के लक्षण कोरोना वायरस के जैसे ही हैं। इस वायरस से संक्रमित लोगों में खांसी-जुकाम, सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं देखी जा रही हैं, जिससे लोग फिर से डरे हुए हैं। चीन के स्वास्थ्य विभाग ने इस वायरस के बढ़ते मामलों के कारण अलर्ट जारी किया है और टेस्टिंग में तेजी लाई है।
ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस: क्या है यह वायरस?
महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक ऐसा वायरस है जो सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है। हालांकि, यह लंग्स पर असर डाल सकता है और गंभीर मामलों में निमोनिया, अस्थमा या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। यह वायरस खासतौर पर बच्चों को संक्रमित करता है। बच्चों में इसके लक्षण आरएसवी इंफेक्शन के जैसे होते हैं, जिससे खांसी, जुकाम और बुखार की समस्याएं होती हैं।चीन में हालात क्यों हैं चिंताजनक?
चीन में ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चीन सीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, दो साल से कम उम्र के बच्चों में इस वायरस के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। जिन लोगों को पहले से सांस संबंधी समस्याएं हैं, उनके लिए यह वायरस ज्यादा खतरनाक हो सकता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत तेजी से फैलता है। ऐसे में चीन के स्वास्थ्य विभाग ने इस वायरस की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर टेस्टिंग शुरू की है और इमरजेंसी जैसे हालात से निपटने की तैयारी कर रहा है।क्या भारत में इस वायरस का खतरा है?
दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग के डॉ. अजीत कुमार बताते हैं कि ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहचान सबसे पहले 2001 में हुई थी। यह वायरस सभी मौसमों में वातावरण में मौजूद रहता है और समय-समय पर कुछ देशों में इसके मामले सामने आते रहते हैं। हालांकि, यह वायरस मुख्य रूप से छोटे बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में इसके लक्षण हल्के होते हैं।डॉ. कुमार के अनुसार, भारत में इस वायरस को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है। हालांकि, यह वायरस तेजी से फैलता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनता। कुछ ही मामलों में यह निमोनिया जैसी गंभीर समस्या का रूप ले सकता है। फिलहाल यह जरूरी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस वायरस के बढ़ते मामलों पर नजर रखे और दिशा-निर्देश जारी करे।ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस से बचाव के उपाय
इस वायरस से बचने के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाना जरूरी है।- हाथ धोना: अपने हाथों को साबुन और पानी से नियमित रूप से धोएं।
- खांसते या छींकते समय सावधानी: खांसते या छींकते समय अपनी नाक और मुंह को ढकें।
- संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखें: यदि कोई व्यक्ति सर्दी-जुकाम या अन्य संक्रामक बीमारी से पीड़ित है, तो उससे दूरी बनाए रखें।
- मास्क पहनें: यदि आप बीमार हैं और दूसरों के संपर्क में आने से बच नहीं सकते हैं, तो मास्क पहनना जरूरी है।
ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस का इलाज
इस वायरस का फिलहाल कोई निश्चित एंटीवायरल इलाज नहीं है। ज्यादातर मामलों में मरीजों का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है।- यदि मरीज की हालत गंभीर हो तो उसे अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है।
- ऑक्सीजन थेरेपी और लंग्स इंफेक्शन से बचाने वाली दवाओं से मरीज का उपचार किया जाता है।
- इस वायरस के लिए कोई एंटीबायोटिक दवा भी उपलब्ध नहीं है, क्योंकि यह बैक्टीरियल नहीं बल्कि वायरल संक्रमण है।