Vikrant Shekhawat : Jan 06, 2025, 07:56 PM
China HMPV Virus: HMPV नामक वायरस ने दुनिया भर में लोगों में चिंताएँ और डर पैदा कर दिया है। कोरोना महामारी के बाद, जब दुनिया धीरे-धीरे सामान्य हो रही थी, इस नए वायरस के आने से लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या एक बार फिर से कोरोना जैसा संकट आ सकता है। भारत में भी इस वायरस के चार मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से दो कर्नाटक में, एक अहमदाबाद में और एक कोलकाता में पाया गया है।भारत में HMPV के मामले और सरकार की तैयारीHMPV के बढ़ते मामलों को देखकर भारतीय सरकार ने अपनी तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं और एक एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें लोगों को इस वायरस से बचने के उपाय बताए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस वायरस को लेकर पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह वायरस पहले से ही भारत में मौजूद था। हालांकि, मंत्रालय पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।एडवाइजरी में क्या कहा गया है?स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी में अस्पतालों से कहा गया है कि वे सभी संक्रामक बीमारियों के मामलों को रियल टाइम में रिपोर्ट करें। अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि जब भी कोई संदिग्ध मरीज आए, तो उनका आइसोलेशन सुनिश्चित किया जाए और प्राथमिकता के आधार पर इलाज किया जाए। इसके अलावा, अस्पतालों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि मरीजों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और संक्रामक रोगों के प्रसार को रोका जा सके।कोलकाता में मिला चौथा केसकोलकाता में एक पांच महीने की बच्ची को HMPV वायरस से संक्रमित पाया गया था, लेकिन इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गई और मुंबई वापस लौट गई। डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरस ज्यादातर हल्के लक्षण उत्पन्न करता है, लेकिन जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उनके लिए यह गंभीर हो सकता है।डॉक्टरों का कहनाडॉक्टर सहेली दासगुप्ता ने बताया कि यह वायरस कोई नई बीमारी नहीं है और पिछले कुछ महीनों में भी इसके मामले सामने आए थे। उन्होंने कहा कि इस वायरस से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इसका इलाज संभव है और मरीज आमतौर पर 10-12 दिनों में ठीक हो जाते हैं।भारत में श्वसन वायरल रोगजनक बीमारियों में वृद्धि नहींभारत में अब तक श्वसन संबंधी वायरल रोगों में कोई विशेष वृद्धि नहीं देखी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं को सतर्क रहने के लिए कहा है और स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।HMPV का असर सर्दियों में ज्यादा होता हैHMPV का प्रकोप विशेष रूप से सर्दियों के दौरान बढ़ता है और यह शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। सामान्यतः इसके लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस, ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है।हेल्पलाइन नंबर जारीएडवाइजरी में कहा गया है कि बीमारी को लेकर समुचित हाईजीन का पूरा ख्याल रखा जाए. इसके अलावा गंभीर मरीजों के लिए किसी भी तरह से वेंटिलेटर की कमी न हो, इसके लिए पहले से सुनिश्चित कर लें। हर तरह से डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को तैयार कर के रखें। सरकार ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी बनाया है। हेल्पलाइन नंबर है –helpline no. of DGHS,HQ – 011-22307145 or 011-22300012निष्कर्षHMPV के बढ़ते मामलों से घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसके बारे में पूरी जानकारी रखना और उचित सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। सरकार ने एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार किया है और लोगों से साफ-सफाई और सतर्कता बनाए रखने की अपील की है।