Jharkhand Elections 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है, जिसमें 81 विधानसभा सीटों पर मतदान 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होगा। इस बार चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेम्मा) के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के बीच होगा। सत्तारूढ़ सीएम हेमंत सोरेन को एनडीए से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
महिला मतदाता: सत्तारूढ़ दल की कुंजी
झारखंड में इस बार की चुनावी बिसात पर महिलाओं की भूमिका अहम साबित होने जा रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य की 32 विधानसभा सीटों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। इनमें से 26 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जहां महिला मतदाता चुनाव के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं।
हेमंत सोरेन का चुनावी क्षेत्र: बरहेट
सीएम हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक है। कुल 2.25 लाख मतदाताओं में से 1.15 लाख महिलाएं हैं। सोरेन ने इस क्षेत्र में 2005 से अब तक लगातार जीत हासिल की है, लेकिन इस बार उनकी जीत या हार में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
चंपई सोरेन का राजनीतिक भविष्य
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। चंपई ने बीजेपी में शामिल होकर पहली बार इस सीट से चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। यहां भी महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है, जिसमें 1.85 लाख महिलाएं और 1.83 लाख पुरुष मतदाता हैं। चंपई के लिए यह चुनाव उनके राजनीतिक भविष्य की अग्निपरीक्षा साबित होगा, और महिला मतदाताओं का फैसला इस चुनाव में महत्वपूर्ण होगा।
मझगांव: महिलाओं की संख्या में बढ़त
पश्चिमी सिंहभूम जिले की मझगांव विधानसभा सीट पर भी स्थिति समान है। यहां पर 1.21 लाख महिला मतदाता हैं, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 1.12 लाख है। ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि झारखंड की राजनीति में महिला मतदाताओं की आवाज और प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें
महिलाओं के वोट के महत्व को समझते हुए, सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। हेमंत सोरेन की सरकार ने "मैय्या सम्मान योजना" शुरू की है, जिसमें राज्य की 50 लाख से अधिक महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपए दिए जा रहे हैं। सोरेन ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी जीतती है तो यह राशि बढ़ाकर 2,500 रुपए कर दी जाएगी।वहीं, बीजेपी ने भी "गोगो दीदी योजना" का ऐलान किया है, जिसके तहत सत्ता में आने पर महिलाओं को प्रति माह 2,100 रुपए देने का वादा किया गया है।
निष्कर्ष
इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में महिलाएं निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं। उनके वोट से ही यह तय होगा कि राज्य में किस पार्टी की सरकार बनेगी। राजनीतिक दलों के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वे महिला मतदाताओं की जरूरतों और आकांक्षाओं को समझें और उन्हें ध्यान में रखते हुए अपने चुनावी मुद्दे तैयार करें। आगामी चुनावों में महिला मतदाता न केवल सत्ता की कुंजी होंगी, बल्कि राज्य की राजनीतिक दिशा भी निर्धारित करेंगी।