हरियाणा / हरियाणा सरकार ने करनाल में मोबाइल इंटरनेट व एसएमएस सेवा पर रोक आज मध्यरात्रि तक बढ़ाई

हरियाणा सरकार ने 'शांति व कानून-व्यवस्था' के मद्देनज़र करनाल ज़िले में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस (बैंकिंग व मोबाइल रीचार्ज के अलावा) समेत एसएमएस सेवा और सभी डोंगल सेवाओं पर रोक बुधवार मध्यरात्रि (रात 11:59 बजे) तक बढ़ा दी है। गौरतलब है कि हज़ारों किसानों ने मंगलवार से ज़िले में उपायुक्त कार्यालय (मिनी सचिवालय) का घेराव किया हुआ है।

Vikrant Shekhawat : Sep 08, 2021, 11:15 AM
Karnal Farmer Protest: करनाल में किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर इंटरनेट और बल्क मैसेज (बैंकिंग और मोबाइल रीचार्ज को छोड़कर) सेवा पर रोक जारी रहेगी. इस रोक को 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है और ये 8 सितंबर की रात 11 बजकर 59 मिनट तक जारी रहेगी. हरियाणा सरकार की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.

दरअसल, किसान पिछले महीने हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर 28 अगस्त को करनाल में हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मिनी सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी थी. किसान मिनी सचिवालय पहुंचने के बाद वहीं गेट पर बैठ गए हैं. करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए लंगर लगाया गया. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैट ने कहा कि हम अपने कपड़े और खाने का समान मिनी सचिवालय करनाल पर ही मंगा रहे है, आराम से बात करेंगे इनसे, जब तक न्याय नहीं जब तक रुकेंगे नहीं.

बता दें कि पिछले महीने पुलिस लाठीचार्ज को लेकर हरियाणा की बीजेपी नीत सरकार के साथ तनातनी के बीच मंगलवार को बड़ी संख्या में किसानों ने जिला मुख्यालय का घेराव करते हुए इसके गेट पर धरना शुरू किया. यह घेराव शाम को शुरू हुआ. इससे कई घंटे पहले हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से किसान ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल पर सवार होकर महापंचायत के लिए करनाल की नयी अनाज मंडी पहुंचे. महापंचायत स्थल से पांच किलोमीटर दूर मिनी सचिवालय तक पैदल मार्च करते हुए किसानों का सामना परिसर के पास पानी की बौछारों से हुआ. किसानों ने कुछ बैरिकेड पार कर लिए लेकिन रास्ते में पुलिस के साथ कोई गंभीर टकराव नहीं हुआ.

मंगलवार सुबह महापंचायत शुरू होने के बीच स्थानीय प्रशासन ने किसानों की मांगों पर चर्चा करने के लिए उनके 11 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था. करीब तीन घंटे बाद किसान नेताओं ने घोषणा की कि प्रशासन के साथ उनकी बातचीत नाकाम हो गयी है. इसक बाद हजारों किसानों ने सचिवालय की ओर पैदल मार्च शुरू कर दिया. नेताओं ने किसानों से कहा कि वे पुलिसकर्मियों के साथ किसी भी तरह का टकराव मोल न लें और जहां भी उन्हें रोका जाए, वे विरोध में वहीं बैठ जाएं.