कोरोना वायरस / हरियाणा सरकार कोविड-19 के मरीज़ों के बीच 1 लाख कोरोनिल किट बांटेगी

योगगुरु रामदेव द्वारा ऐलोपैथी को लेकर दिए गए बयान से संबंधित विवाद के बीच हरियाणा सरकार ने पतंजलि की 1 लाख कोरोनिल किट कोविड-19 मरीज़ों के बीच मुफ्त बांटने की घोषणा की है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि इस पर होने वाले खर्च का आधा भाग राज्य सरकार व आधा कंपनी वहन करेगी।

Vikrant Shekhawat : May 25, 2021, 01:10 PM
गुरुग्राम: योगगुरु रामदेव के एलोपैथी और डॉक्टरों के खिलाफ बयान से मचे बवाल के बाद अब हरियाणा सरकार ने कोरोना मरीजों के बीच 1 लाख कोरोनिल किट बांटेने का फैसला किया है। बता दें कि ये कोरोनिल किट रामदेव की कंपनी पतंजलि द्वारा कोरोना मरीजों के लिए तैयार की गई दवा है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक ट्वीट के जरिये सरकार के इस फैसले की जानकारी दी। मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा है कि पतंजलि की कोरोनिल किट मुफ्त बांटी जाएगी। इसका आधा खर्च कंपनी और आधा राज्य सरकार वहन करेगी। 

एलोपैथी और डॉक्टरों पर रामदेव ने उठाया था सवाल

मालूम हो कि पिछले दिनों रामदेव ने एलोपैथी दवाओं और डॉक्टरों को लेकर सवाल उठाया था, जिसके बाद बवाल मच गया था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत विभिन्न संस्थाओं ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में दिए गए योग गुरु रामदेव के बयान को रविवार को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा था। उन्होंने कहा, ''आपका बयान कोरोना योद्धाओं का अनादर और देश की भावनाओं को आहत करता है। एलोपैथी पर आपका बयान स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल तोड़ सकता है।  बाद में रामदेव ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को पत्र लिखकर खेद जताया था। 

'मैंने वॉट्सऐप मैसेज पढ़कर सुनाया था'

इसके योग गुरु रामदेव ने डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कहा, ''हम आधुनिक चिकित्सा विज्ञान तथा एलोपैथी के विरोधी नहीं हैं। हम यह मानते हैं कि जीवन रक्षा प्रणाली तथा शल्य चिकित्सा के विज्ञान में एलोपैथी ने बहुत प्रगति की है और मानवता की सेवा की है। मेरा जो बयान कोट किया गया है, वह एक कार्यकर्ता बैठक का है, जिसमें मैंने आए हुए वॉट्सऐप मैसेज को पढ़कर सुनाया था। उससे अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मुझे खेद है।'' 

रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र को ट्वीट करते हुए कहा, ''माननीय श्री डॉ. हर्षवर्धन जी, आपका पत्र प्राप्त हुआ। उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापस लेता हूं और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं।'' योग गुरु ने पत्र में आगे कहा है कि यदि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने चेचक, पोलियो एवं टीबी आदि गंभीर रोगों का इलाज खोजा है तो योग, आयुर्वेद आदि द्वारा हमने बीपी, शुगर, थायराइड, अर्थराइटिस, लिवर आदि का स्थाई समाधान दिया है। हमने भी आयुर्वेद एवं योग के प्रयोग से करोड़ों लोगों की जान बचाई है, जिसका सम्मान होना चाहिए।''