News18 : Jun 04, 2020, 05:13 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने निजामुद्दीन (Nizamuddin) के मरकज (Marqaz) में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के कार्यक्रम में शिरकत करने वाले 960 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। ये विदेशी नागरिक भारत में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ज्यादातर इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान जैसे देशों से आए थे। ये देश के करीब 824 अलग-अलग हिस्सों में चले गए, वहीं 216 विदेशी नागरिक निज़ामुद्दीन मरकज़ में मौजूद थे।
कोरोना के मामलों में आया था उछालदेश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार के चलते दिल्ली (Delhi) में धार्मिक समारोह पर रोक लगा दी गई थी। इसके बावजूद, तबलीगी जमात से जुड़े करीब 2361 लोग दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ में कई दिनों तक साथ रहे, जिससे कोरोना मामलों में उछाल आया था। इनमें कई लोग विदेशी नागरिक भी थे। इतना ही नहीं, करीब 824 विदेशी नागरिक देश के अलग-अलग हिस्सों में 'चिल्ला' गतिविधियों में शामिल हुए। तेलंगाना (Telangana) से पहला तबलीगी जमात का कोरोना मामला सामने आने पर केंद्र सरकार तुरंत हरकत में आई थी और देश में जमात के सभी लोगों और उनके संपर्क की तलाश और उनके क्वारंटाइन का सिलसिला शुरू हुआ।
मरकज की ओर से दी गई थी ये सफाईलॉकडाउन के बाद पूरा घटनाक्रम सामने आने के बाद मरकज़ की ओर से कहा गया था कि वह 24 मार्च से लगातार पुलिस और प्रशासन के संपर्क में थे। मरकज़ से लोगों को बाहर निकालने के लिए कर्फ्यू पास की मांग कर रहे थे। 28 मार्च को एसडीएम और डब्ल्यूएचओ (WHO) की टीम कुछ लोगों को जांच के लिए भी ले गई थी। इससे पहले 6 लोगों को तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। हालांकि, इसके बाद दिल्ली और उसके आसपास रहने वाले 1500 लोगों को उनके घर भेज दिया था।इससे पहले कड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2 अप्रैल को 960 विदेशी जमातियों को ब्लैकलिस्ट कर उनका वीज़ा भी रद्द कर दिया था। साथ ही इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ विदेशी अधिनियम, 1946 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए।
मौलाना साद और अन्य के खिलाफ इन धाराओं में FIR बता दें मरकज मामले में दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद और अन्य के खिलाफ एफआईआर (FIR ) दर्ज की है। ये एफआईआर IPC की धारा 269 यानी किसी के जीवन को संकट में डालना और आईपीसी 270 यानी कोई ऐसा गैर जरूरी काम करना जिससे जीवन में संकट आए। जबकि आईपीसी की धारा 271 यानी सरकार के बनाए नियम की अवहेलना करना है। वहीं धारा 120 बी यानी आपराधिक साजिश के साथ सरकारी नियमों की घोर अवहेलना करना है। इसके अलावा U/s 3 महामारी एक्ट 1897 के तहत केस दर्ज किया गया है।
कोरोना के मामलों में आया था उछालदेश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार के चलते दिल्ली (Delhi) में धार्मिक समारोह पर रोक लगा दी गई थी। इसके बावजूद, तबलीगी जमात से जुड़े करीब 2361 लोग दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ में कई दिनों तक साथ रहे, जिससे कोरोना मामलों में उछाल आया था। इनमें कई लोग विदेशी नागरिक भी थे। इतना ही नहीं, करीब 824 विदेशी नागरिक देश के अलग-अलग हिस्सों में 'चिल्ला' गतिविधियों में शामिल हुए। तेलंगाना (Telangana) से पहला तबलीगी जमात का कोरोना मामला सामने आने पर केंद्र सरकार तुरंत हरकत में आई थी और देश में जमात के सभी लोगों और उनके संपर्क की तलाश और उनके क्वारंटाइन का सिलसिला शुरू हुआ।
मरकज की ओर से दी गई थी ये सफाईलॉकडाउन के बाद पूरा घटनाक्रम सामने आने के बाद मरकज़ की ओर से कहा गया था कि वह 24 मार्च से लगातार पुलिस और प्रशासन के संपर्क में थे। मरकज़ से लोगों को बाहर निकालने के लिए कर्फ्यू पास की मांग कर रहे थे। 28 मार्च को एसडीएम और डब्ल्यूएचओ (WHO) की टीम कुछ लोगों को जांच के लिए भी ले गई थी। इससे पहले 6 लोगों को तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। हालांकि, इसके बाद दिल्ली और उसके आसपास रहने वाले 1500 लोगों को उनके घर भेज दिया था।इससे पहले कड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2 अप्रैल को 960 विदेशी जमातियों को ब्लैकलिस्ट कर उनका वीज़ा भी रद्द कर दिया था। साथ ही इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ विदेशी अधिनियम, 1946 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए।
मौलाना साद और अन्य के खिलाफ इन धाराओं में FIR बता दें मरकज मामले में दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद और अन्य के खिलाफ एफआईआर (FIR ) दर्ज की है। ये एफआईआर IPC की धारा 269 यानी किसी के जीवन को संकट में डालना और आईपीसी 270 यानी कोई ऐसा गैर जरूरी काम करना जिससे जीवन में संकट आए। जबकि आईपीसी की धारा 271 यानी सरकार के बनाए नियम की अवहेलना करना है। वहीं धारा 120 बी यानी आपराधिक साजिश के साथ सरकारी नियमों की घोर अवहेलना करना है। इसके अलावा U/s 3 महामारी एक्ट 1897 के तहत केस दर्ज किया गया है।