Road Accident News: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सोमवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। नैनीडांडा से रामनगर जा रही एक यात्री बस सारड बैंड के पास खाई में गिर गई, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय राहगीरों ने पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं। घायलों को बाहर निकालने का रेस्क्यू अभियान तेजी से जारी है और उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुला ली गई है।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा अल्मोड़ा जिले के मार्चुला के पास हुआ। बताया जा रहा है कि बस में 35 से अधिक लोग सवार थे, जो नैनीडांडा के किनाथ से यात्रियों को लेकर निकली थी और उसे रामनगर जाना था। अचानक बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई और पास में बहने वाली एक छोटी नदी के पास जाकर रुकी। बस के खाई में गिरते ही वहां के स्थानीय लोगों ने सहायता के लिए आगे आकर पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को सूचित किया।
दुर्घटनास्थल का मंजर
घटनास्थल पर बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। हादसे के बाद वहां का माहौल बहुत भयावह था। एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि खाई में गिरी बस के पास स्थानीय लोग जमा हो गए थे, जो घायलों की मदद करने की कोशिश कर रहे थे। अधिकारी मौके पर पहुंचकर घायलों को बाहर निकालने में जुट गए हैं और स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी अलर्ट कर दिया गया है ताकि घायलों को तत्काल इलाज मिल सके।
अधिकारी बोले- हादसे की होगी जांच
इस हादसे के बाद प्रशासन की ओर से बताया गया है कि हादसे की जांच की जाएगी। अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या बस का ड्राइवर नशे में था या फिर गाड़ी में कोई तकनीकी समस्या थी। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि बस किस रफ्तार से चल रही थी। इस बीच अल्मोड़ा के जिला अस्पताल और अन्य नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि घायलों को बेहतर और त्वरित इलाज मुहैया हो सके।
सुरक्षा के उपायों पर उठ रहे सवाल
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में इस तरह के हादसे अक्सर देखने को मिलते हैं। दुर्गम इलाके, खराब सड़कें, और कभी-कभी ओवरलोडिंग भी इन हादसों की वजह बनती है। इस हादसे ने एक बार फिर यात्री सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है। स्थानीय लोग प्रशासन से यह मांग कर रहे हैं कि पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने वाले वाहनों की नियमित जांच हो और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाए।
निष्कर्ष:
यह हादसा एक बार फिर दर्शाता है कि पहाड़ी इलाकों में यात्रा करते समय सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए जाने की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि वे इस घटना से सीख लेकर यात्री सुरक्षा के मानकों को और अधिक सख्त बनाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।