बेरूत. लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार देर रात हुए धमाके में मरने वालों का आंकड़ा बुधवार सुबह 78 हो गया। चार हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। इनमें से कई की हालत बेहद गंभीर बताई गई है। इस बीच लेबनान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि शिपमेंट में 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट था। धमाका किसी भूकंप की तरह था। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 240 किलोमीटर तक धमक महसूस हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह ट्वीट के जरिए घटना पर दुख जताया।
लेबनान की राजधानी बेरूत में भीषण विस्फोट में 78 लोगों की मौत हुई हैं और 3,500 से ज्यादा लोग घायल हो गए. दोपहर के वक्त हुए विस्फोट से राजधानी के कई हिस्से हिल गए और शहर से घना काला धुआं उठने लगा. निवासियों ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि घरों की खिड़कियां और फॉल्स सीलिंग टूट गईं. लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार शाम बड़ा धमाका हुआ। तट के पास खड़े एक जहाज में विस्फोट हुआ, जो पटाखों से भरा हुआ था। धमाका इतना भीषण था कि 10 किलोमीटर के दायरे में मौजूद घरों को नुकसान पहुंचा है। धमाके से कारें तीन मंजिल तक उछल गईं। बिल्डिंग्स एक पल में धराशायी हो गईं। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पूरे देश में धमाके की आवाज सुनी गई है। जिस तरह का ये धमाका है, हमें रॉकेट स्ट्राइक या विस्फोटक से जहाज को उड़ाने का शक है। ये जानबूझकर किया गया भी हो सकता है, या फिर वजह कुछ और भी हो सकती है।
पोर्ट में भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट थाः इंटीरियर मिनिस्टर
इंटीरियर मिनिस्टर ने स्थानीय मीडिया को घटना के बारे में बताया कि पोर्ट में भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट था। लेबनान कस्टम से पूछा जाना चाहिए कि इतनी भारी मात्रा में पोर्ट पर अमोनियम नाइट्रेट क्या कर रहा था? वहीं, दूसरी ओर लेबनान ब्रॉडकास्टर मायाडेन ने कस्टम के निदेशक के हवाले से बताया कि करीब एक टन नाइट्रेट में विस्फोट हुआ है। धमाके के बाद लेबनान में डिफेंस काउंसिल की मीटिंग हुई। इसमें राष्ट्रपति भी शामिल हुए। बाद में प्रवक्ता ने कहा- यह कैसे स्वीकार किया जा सकता है कि एक वेयरहाउस में 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट 6 साल तक रखा रहा और किसी ने एहतियाती या सुरक्षा के कदम तक नहीं उठाए। देश में दो हफ्ते के लिए इमरजेंसी लागू कर दी गई है।
पोर्ट चीफ जिम्मेदार
लेबनान के कस्टम विभाग ने घटना के लिए सीधे तौर पर पोर्ट चीफ को जिम्मेदार ठहराया। कस्टम हेड बादरी दहेर ने कहा- मेरा डिपार्टमेंट अमोनियम नाइट्रेट रखने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। धमाका इससे ही हुआ। इस घटना के लिए पोर्ट चीफ हसन कोरेटेम जिम्मेदार हैं। इस बारे में पोर्ट चीफ ने अब तक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
मोदी ने दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेरूत में हुए धमाके पर दुख जताया। बुधवार सुबह एक ट्वीट में मोदी ने कहा- बेरूत में हुए धमाके की खबर सुनकर दुखी हूं। कई लोगों ने जान गंवाई और प्रॉपर्टी का भी नुकसान हुआ। ब्लास्ट में मारे गए और घायल हुए लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।
लेबनान के भारतीय दूतावास ने मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी की।लेबनान की राजधानी बेरूत (Lebnan's Capital Berut) में मंगलवार को भीषण विस्फोट (Bomb Blast) हुआ जिसमें कई लोग घायल (Some People Injured) हो गए. दोपहर के वक्त हुए विस्फोट से राजधानी के कई हिस्से हिल गए और शहर से घना काला धुआं उठने लगा. निवासियों ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि घरों की खिड़कियां और फॉल्स सीलिंग टूट गईं. ऐसा प्रतीत होता है कि विस्फोट बेरूत के पत्तन के आसपास हुआ और इससे भारी मात्रा में नुकसान हुआ.
बेरूत पत्तन के नजदीक जख्मी हालत में दिखे लोग
बेरूत पत्तन के निकट मौजूद एसोसिएट प्रेस के एक फोटोग्राफर ने लोगों को जमीन पर जख्मी हालत में देखा. इसके साथ ही मध्य बेरूत में भारी तबाही देखी गई. कुछ स्थानीय टीवी स्टेशन ने अपनी खबर में कहा कि विस्फोट बेरूत के पत्तन में उस इलाके में हुआ जहां पटाखे रखे जाते थे
आंचल वोहरा का घर भी जला, बुरी तरह घायल हुईं
लेबनान में रह रही आंचल वोहरा ने ट्वीट करके बताया कि लेबनान में बम धमाका हुआ और उनका घर भी विस्फोट में पूरा जल गया. मेरे शरीर से खून बह रहा है.
कोरोना ने बढ़ाया आर्थिक दिवालियापन
वहीं लेबनान दीवालियापन के कगार पर आ खड़ा हुआ है. लेबनान तेजी से आर्थिक दिवालियापन, संस्थानों के खंडित होने, उच्च महंगाई दर और तेजी से बढ़ती गरीबी की ओर बढ़ रहा है और इन समस्याओं में महामारी ने और इजाफा कर दिया है. इस संकट से लेबनान के बिखरने का खतरा बढ़ गया है जो अरब में विविधता और मेलमिलाप के आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित है और इसके साथ ही अराजकता फैल सकती है
लेबनान ने खुद पैदा की है यह समस्या
लेबनान 18 धार्मिक संप्रदाय, कमजोर केंद्रीय सरकार, मजबूत पड़ोसी की वजह से क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता का शिकार होता रहा है जिससे राजनीतिक जड़ता, हिंसा या दोनों का उसे सामना करना पड़ता है. लेबनान हमेशा से ईरान और सऊदी अरब के वर्चस्व की लड़ाई का शिकार बनता रहता है,लेकिन मौजूदा समस्या स्वयं लेबनान द्वारा उत्पन्न है, जो दशकों से भ्रष्ट और लालची राजनीतिक वर्ग की वजह से उत्पन्न हुई है, जिसकी चोट अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र पर पड़ी है. दुनिया में सबसे अधिक सार्वजनिक कर्ज के बावजूद लेबनान कई वर्षों से दिवालिया होने से बचा रहा.
यहां भ्रष्टाचार का लोकतांत्रिकीकरण हुआ है: मरवान
स्टडीज ऐट कार्नेज इंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के उपाध्यक्ष मरवान मुआशेर ने कहा कि लेबनान में एक समस्या यह है कि यहां भ्रष्टाचार का लोकतांत्रिकीकरण हुआ है. यह केंद्र में बैठे एक व्यक्ति के साथ ही नहीं है. यह हर जगह है. हाल में सेंटर फॉर ग्लोबल पॉलिसी के एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि प्रत्येक धड़े की अर्थव्यवस्था में एक हिस्सा है जिस पर वह नियंत्रण करता है और उससे धन अर्जित करता है ताकि वह अपने धड़े को खुश रख सके.
यहां व्हाट्सएप मैसेज पर लगता है टैक्स
उल्लेखनीय है कि परेशानी 2019 के आखिर में तब बढ़ी जब सरकार ने व्हाट्सएप मैसेज पर कर लगाने की इच्छा जताई जिसे लेकर पूरे देश में भारी प्रदर्शन शुरू हो गया. माना जा रहा है कि अपने नेताओं से परेशान लोगों के खिलाफ खुलकर सामने आने के लिए इसने आग में घी का काम किया.
यह प्रदर्शन करीब दो हफ्ते तक चला जिसके बाद बैंक में एवं उसके बाद अनौपचारिक रूप से पूंजी नियंत्रण करने वाले संस्थानों में भी विरोध शुरू हो गया जिससे डॉलर के निकालने या हस्तांतरित करने की सीमा तय कर दी गई.
विदेशी मुद्रा की कमी की वजह से लेबनानी पाउंड का मूल्य ब्लैक मार्केट में 80 प्रतिशत तक गिर गया है और मूलभत वस्तुओं व खाने पीने के समान की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई. लेबनान विश्व मुद्रा कोष से मदद की उम्मीद कर रहा है लेकिन कई महीनों तक चली बातचीत के बावजूद कोई सहमति नहीं बन पाई है.
साइप्रस में भी झटके महसूस
यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (ईएमएससी) के अनुसार, मंगलवार को हुआ धमाका लेबनान से 240 किलोमीटर दूर पड़ोसी देश साइप्रस में भी महसूस किया गया। साइप्रस के विदेश मंत्री निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स ने भी ट्वीट किया- वे लेबनान सरकार की सहायता के लिए बात कर रहे हैं।
ट्रम्प ने कहा- ये हमला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस धमाके को भयानक हमला करार दिया। कहा- ये बेहद खतरनाक किस्म का हमला नजर आ रहा है। हम इस मुश्किल वक्त में लेबनान सरकार के साथ खड़े हैं। जांच में उनकी मदद करना चाहते हैं।