ABP News : Dec 13, 2019, 04:21 PM
नई दिल्ली | दिल्ली गैंगरेप के सभी दोषियों की फांसी की सजा पर अमल को लेकर इन दिनों सरगर्मी तेज़ है। तिहाड जेल से ऐसी खबरें आ रही हैं कि फांसी के फंदे को लेकर दूसरे राज्यों से बातचीत की जा रही है। जल्लाद को लेकर भी जेल प्रशासन अपनी तरफ से कदम उठा रहा है। खबरें आ रही हैं कि इन दोषियों को जल्द ही फांसी के फंदे पर चढ़ाया जा सकता है। लेकिन क्या चार लोगों को एक साथ फांसी हो सकती है? जानें।निर्भया गैंगरेप केस से जुड़ी सबसे अहम खबर ये आ रही है चारों आरोपियों को एक साथ ही फांसी दी जा सकती है। अब तक आजाद भारत के इतिहास में एक साथ चार लोगों को फांसी देने की कोई मिसाल नहीं है।लेकिन सवाल उठता है कि क्या एक साथ चार लोगों को फांसी दी जा सकती है। क्या फांसीघर में इतनी जगह होती है कि ऐसा कर पाना मुमकिन है। क्योंकि फांसीघर की चौड़ाई महज़ 10 फीट होती है ऐसे में जेहन में ये सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों को फांसी देने के लिए कितने फीट जगह की दरकार होगी।क्या एक साथ दी जाएगी चारों आरोपियों को फांसीदरअसल, अब तक मिली जानकारी के मुताबिक निर्भया के सभी आरोपियों को तिहाड़ के जेल नंबर तीन में बने फांसीघर में ही फांसी दी जाएगी। उस फांसीघर की गहराई 15 फीट है और उसकी चौड़ाई 10 फीट के करीब है। जेल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि एक शख्स को फांसी देने के लिए महज़ दो फीट जगह की जरूरत होती है। ऐसे में फांसीघर की चौड़ाई इतनी है कि आसानी से एक साथ चारों आरोपियों को फांसी दी जा सकती है।दोषियों को जल्द फांसी पर आज सुनवाईगौरतलब है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आज निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी की मांग वाली निर्भया की मां की याचिका पर सुनवाई होनी है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मामले के चारों दोषियों से उस याचिका पर उनका पक्ष मांगा था साथ ही तिहाड़ जेल प्रशासन से भी जाना चाहता कि आखिर इन दोषियों ने राहत के लिए कहां-कहां याचिका अभी भी दायर कर रखी हैं। तिहाड़ जेल प्रशासन के साथ ही दोषियों के वकील भी अदालत में इस केस से जुड़े लंबित मामलों के बारे में जानकारी देंगे। गौरतलब है कि निर्भया की मां ने चारों दोषियों के लिए जल्द से जल्द फांसी की मांग की है।16 दिसंबर 2012 को हुआ था निर्भया के साथ गैंगरेप16 दिसंबर, 2012 की रात दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में छह लोगों ने 'निर्भया' (23) के साथ मिलकर दुष्कर्म किया था। सामूहिक दुष्कर्म इतना विभीत्स था कि इससे देशभर में आक्रोश पैदा हो गया था, और सरकार ने दुष्कर्म संबंधी कानून और सख्त किए थे। छह दुष्कर्म दोषियों में से एक नाबालिग था, जिसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया। एक दोषी ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी।