Nirbhaya Case / 16 दिसंबर 2012 से लेकर 20 मार्च 2020 तक क्या-क्या हुआ, प्वाइंट में पढ़िए इस मामले की पूरी डिटेल

आज से 10 साल पहले, 16 दिसंबर 2012, वो रविवार की रात थी जब एक 23 साल की छात्रा के साथ चलती बस में 6 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था. उस रात जो भी हुआ उसने हिंसा की परिभाषा ही बदलकर रख दिया. वह छात्रा जब अपने दोस्त के साथ बस में सवार हुई तब पहले से ही वहां 6 लोग मौजूद थे. जिसमें से एक नाबालिग भी था.

Nirbhaya Case | आज से 10 साल पहले, 16 दिसंबर 2012, वो रविवार की रात थी जब एक 23 साल की छात्रा के साथ चलती बस में 6 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था. उस रात जो भी हुआ उसने हिंसा की परिभाषा ही बदलकर रख दिया. वह छात्रा जब अपने दोस्त के साथ बस में सवार हुई तब पहले से ही वहां 6 लोग मौजूद थे. जिसमें से एक नाबालिग भी था.

चलती बस में ही उन लोगों ने छात्रा पर बेरहमी से हमला किया, सामूहिक बलात्कार, लोहे की रॉड से मारा-पीटा और उसे सड़क किनारे फेंक दिया. जिस दोस्त के साथ छात्रा बस में सवार हुई थी, उस दोस्त को इन आरोपियों ने पहले ही बस से उतार दिया था.

इस घटना के बाद राजधानी दिल्ली समेत देशभर में व्यापक प्रदर्शन हुए थे. आरोपियों का वहशीपन और दरिंदगी देख लोगों की रूह कांप गई थी. लेकिन बुरी तरह जख्मी उस छात्रा ने अपने इलाज और दोषियों की पहचान करने के दौरान जो हिम्मत दिखाई उसे देखते हुए मीडिया ने उसे निर्भया का नाम दिया. 

निर्भया के गुनहगारों को फांसी देने और उसे इंसाफ मिलने में सात साल का समय लगा. दोषियों को 20 मार्च, 2020 को फांसी पर लटकाया गया.