Rupee vs Dollar / रुपए ने की नुकसान की भरपाई, अब जो दिखेगा उस पर यकीन करना होगा मुश्किल

रुपए ने लगातार सातवें दिन मजबूती बनाए रखी और सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 31 पैसे की बढ़त के साथ 85.67 (अनंतिम) पर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजारों में तेजी, विदेशी पूंजी प्रवाह और डॉलर की कमजोरी ने रुपए को समर्थन दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, रुपया जल्द ही 85 के स्तर को तोड़ सकता है।

Rupee vs Dollar: भारतीय रुपया लगातार सातवें दिन मजबूती के साथ बंद हुआ और सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 31 पैसे की बढ़त के साथ 85.67 (अनंतिम) के स्तर पर बंद हुआ। खास बात यह है कि रुपये ने साल 2025 की शुरुआत में झेला गया सारा नुकसान पूरी तरह से रिकवर कर लिया है। इस उछाल के पीछे घरेलू इक्विटी बाजारों में सकारात्मक रुख, ताजा विदेशी पूंजी प्रवाह और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जैसे कारक हैं। डॉलर की कमजोरी ने भी इस बढ़त में योगदान दिया है। हालांकि, तरलता की कमी और पारस्परिक टैरिफ जैसे जोखिम अभी भी रुपये के लिए चुनौती बने हुए हैं।

रुपये में और तेजी की संभावना

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपये में और 47 पैसे तक की बढ़त देखने को मिल सकती है। कुछ विश्लेषकों का तो यह भी कहना है कि रुपया 85 के स्तर को तोड़कर 84 तक भी पहुंच सकता है।

सोमवार को करेंसी मार्केट के आंकड़े

इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 85.93 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 85.49 के उच्चतम स्तर और 86.01 के निम्नतम स्तर को छूने के बाद अंत में 85.67 पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 38 पैसे की मजबूती के साथ 85.98 पर बंद हुआ था। लगातार सातवें सत्र में रुपये में कुल 154 पैसे की बढ़त दर्ज की गई है। 31 दिसंबर 2024 को रुपया 85.64 के स्तर पर बंद हुआ था।

क्या है तेजी के पीछे का कारण?

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार के अनुसार, भारतीय रुपये ने अपने वार्षिक नुकसान की भरपाई कर ली है। विदेशी बैंकों और निर्यातकों द्वारा डॉलर की बिक्री, घरेलू इक्विटी बाजार में विदेशी फंडों की खरीदारी और आरबीआई की ओर से USD/INR स्वैप के तहत खरीदारी में गिरावट ने रुपये को समर्थन दिया। इसके अलावा, 2 अप्रैल को प्रस्तावित पारस्परिक टैरिफ कार्यान्वयन से पहले अमेरिकी प्रतिनिधि का भारत दौरा भी सकारात्मक भावनाएं पैदा कर रहा है। निकट अवधि में USD/INR 85.20 के समर्थन स्तर और 86.05 के प्रतिरोध स्तर के बीच बना रह सकता है।

शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी

इस बीच, डॉलर इंडेक्स 0.09 प्रतिशत गिरकर 103.99 पर कारोबार कर रहा था, जबकि ब्रेंट क्रूड वायदा 0.54 प्रतिशत बढ़कर 72.55 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। भारतीय शेयर बाजार में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जहां बीएसई सेंसेक्स 1,078.87 अंक यानी 1.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77,984.38 अंक पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 307.95 अंक यानी 1.32 प्रतिशत चढ़कर 23,658.35 अंक पर बंद हुआ।

विदेशी निवेशकों की जबरदस्त खरीदारी

एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध आधार पर 7,470.36 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक, 14 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 305 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 654.271 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। इससे पहले के सप्ताह में, कुल भंडार 15.267 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 653.966 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था, जो दो साल में सबसे तेज साप्ताहिक वृद्धि थी।

आगे की संभावनाएं

रुपये में हालिया मजबूती को देखते हुए निवेशकों और विश्लेषकों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि यह तेजी कब तक जारी रहेगी। वैश्विक कारकों के अलावा, भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार और निवेश प्रवाह रुपये के मूल्य को प्रभावित करेंगे। यदि विदेशी पूंजी प्रवाह इसी तरह जारी रहा और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट बनी रही, तो रुपये की मजबूती और भी बढ़ सकती है।