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- 27-Mar-2025 06:00 AM IST
Rupee vs Dollar: भारतीय रुपया और अमेरिकी डॉलर के बीच उतार-चढ़ाव का खेल तेज हो गया है। मंगलवार को रुपए में गिरावट दर्ज की गई, जिससे बाजार में चिंता बढ़ी, लेकिन बुधवार शाम को रुपया मजबूती के साथ उभरा। विदेशी निवेश के प्रवाह ने इस सुधार में अहम भूमिका निभाई।
बाजार की चाल
रुपया बुधवार को शुरुआती कमजोरी से उबरते हुए 85.69 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में इसने 85.71 पर कारोबार की शुरुआत की और 85.68 के उच्चतम व 85.98 के निम्नतम स्तर को छू लिया। विदेशी निवेशकों के बढ़ते निवेश और निर्यातकों की डॉलर आपूर्ति से रुपये को मजबूती मिली।
मजबूती के कारण
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक दिलीप परमार के अनुसार, विदेशी निवेश के पुनरुत्थान से रुपये को सहारा मिला। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष के अंत में बाजार में आवश्यक समायोजन के चलते ट्रेडिंग वॉल्यूम अपेक्षाकृत कम रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में रुपये को 85.40 के स्तर पर समर्थन मिल सकता है, जबकि 86.25 पर इसे प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है।
वैश्विक प्रभाव और आर्थिक संकेतक
भू-राजनीतिक तनाव, विशेष रूप से इजरायल-गाजा संघर्ष और अमेरिकी नीतिगत फैसले, डॉलर को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा वेनेजुएला से तेल आयात पर 25% शुल्क लगाने की धमकी से कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई, जिससे भारतीय मुद्रा पर दबाव बना।
शेयर बाजार और डॉलर इंडेक्स
डॉलर इंडेक्स 104.21 पर पहुंच गया, जबकि ब्रेंट क्रूड ऑयल 73.48 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। बीएसई सेंसेक्स 728.69 अंक गिरकर 77,288.50 पर और निफ्टी 181.80 अंक गिरकर 23,486.85 पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 5,371.57 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे रुपये को समर्थन मिला।
आने वाले दिनों का अनुमान
रुपये की मजबूती बनाए रखने के लिए विदेशी निवेश प्रवाह, महंगाई के आंकड़े और आगामी मौद्रिक नीति बैठक प्रमुख भूमिका निभाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, वित्तीय वर्ष के अंत तक रुपये और डॉलर के बीच यह रस्साकशी जारी रह सकती है।