पूजा सिंघल मामला / महिला IAS अधिकारी के खिलाफ कैसे तैयार हुआ कार्रवाई का खाका, एक दिन पहले ही ईडी ने जमा लिया था डेरा

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की करीबी और 2002 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल इन दिनों काफी चर्चा में हैं। शुक्रवार को ईडी की टीम ने उनके अलग-अलग ठिकानों से 19.31 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। यह कार्रवाई खूंटी के मनरेगा घाटाले से जुड़ी है। ईडी ने उसने जुड़े 18 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे।

Vikrant Shekhawat : May 07, 2022, 09:25 AM
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की करीबी और 2002 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल इन दिनों काफी चर्चा में हैं। शुक्रवार को ईडी की टीम ने उनके अलग-अलग ठिकानों से 19.31 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। यह कार्रवाई खूंटी के मनरेगा घाटाले से जुड़ी है। ईडी ने उसने जुड़े 18 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे। आइए जानते हैं खनन एवं भूविज्ञान विभाग की सचिव पूजा सिंघल के घर समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी के लिए ईडी ने क्या योजना बनाई और पूरी कार्रवाई को किस तरह से अंजाम दिया। 


देर रात ही पहुंच गई थी ईडी 

प्रवर्तन निदेशालय की टीम गुरुवार रात ही रांची पहुंच गई थी। देर रात टीम एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी कार्यालय में रुकी और यहीं से छापेमारी का पूरा खाका तैयार किया गया। शुक्रवार सुबह होते ही ईडी की टीम पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के पल्स अस्पताल पहुंच गई। इसके अलावा रांची में उनके अन्य ठिकानों पर भी पहुंची। 


रांची पुलिस को नहीं दी गई सूचना 

जानकारी के मुताबिक, ईडी की टीम ने इस कार्रवाई की भनक रांची पुलिस को भी नहीं लगने दी। जांच में सहायता के लिए ईडी ने सीआईएसएफ और सीआरपीएफ पर भरोसा जताया और उसे साथ लिया। स्कूल बस, कार व अन्य वाहनों से ईडी के अधिकारी संबंधित जगहों पर पहुंचे, वहीं पल्स अस्पताल को सीआरपीएफ अधिकारियों ने घेर लिया। इसके अलावा अधिकारी पूजा सिंघल के आवास पर भी पहुंचे। यह कार्रवाई एक ही समय पर कई जगह की गई। 


दो मामलों की चल रही है जांच 

ईडी खूंटी और छतरा जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम (मनरेगा) में अनियमितताओं में सिंघल की संलिप्तता की जांच भी कर रही है। पूजा सिंघल साल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह पहले खूंटी जिले में उपायुक्त के रूप में तैनात थीं। इसके साथ ही ईडी सिंघल के खिलाफ शिकायत के आधार पर भी जांच कर रही है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वह अपनी मर्जी से रेत खनन के लिए ठेके अपने पसंद के ठेकेदारों को ही दे रही हैं। झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने यह शिकायत फरवरी 2022 में ईडी के पास दर्ज कराई थी।