LPG गैस / अब ऐसे होगा गैस सिलेण्डर बुक, पेट्रोलियम मंत्रालय का नया फरमान

अब देश में सिलेंडर की बुकिंग और भुगतान डिजिटल तरीके से ही करना होगा। कालाबाजारी पर नियंत्रण और डिजिटाइजेशन को प्राथमिकता देने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस बाबत जुलाई माह से 80 फीसदी का लक्ष्य प्राप्त करने की बात कही है। आप अभी गैस एजेंसी पर जाकर सिलेंडर बुक कराते हैं, तो आदत बदलनी होगी। पेट्रोलियम मंत्रालय ने गैस एजेंसियों को डिजिटल बुकिंग का निर्देश दिया है।

Vikrant Shekhawat : Jun 23, 2020, 07:30 AM
नई दिल्ली | अब देश में सिलेंडर की बुकिंग (LPG Cylinder Booking) और भुगतान डिजिटल (Digital Payment) तरीके से ही करना होगा। कालाबाजारी पर नियंत्रण और डिजिटाइजेशन (Digitization) को प्राथमिकता देने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय (Petrolatum Ministry) ने इस बाबत जुलाई माह से 80 फीसदी का लक्ष्य प्राप्त करने की बात कही है। आप अभी गैस एजेंसी (LPG Gas Agency) पर जाकर सिलेंडर बुक कराते हैं, तो आदत बदलनी होगी। पेट्रोलियम मंत्रालय ने गैस एजेंसियों को डिजिटल बुकिंग का निर्देश दिया है। इसके साथ सिलेंडर घर पहुंचने पर डिलिवरी ओथेंकेटिंग (प्रमाणीकरण) कोड (डीएसी) भी जरूरी होगा। इसलिए, गैस एजेंसियों पर डिजिटल बुकिंग (Digital booking of LPG Gas Cylinder) करने का दबाव है।

मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की तरफ से दिए गए डिजिटल बुकिंग लक्ष्य के मुताबिक गैस एजेंसियों को जुलाई से न्यूनतम 80 अस्सी फीसदी बुकिंग डिजिटल तरीके से करनी होगी। मतलब बुकिंग के लिए एमएसएम, आईवीआरएस या व्हाट्सएप के साथ मोबाइल एप के जरिए सिलेंडर बुक करना होगा। एजेंसियों से कहा गया है कि सिलेंडर की डिलिवरी करने वाले कर्मचारी को अपने मोबाइल एप पर उपभोक्ता के मोबाइल पर आए डिलिवरी ओथेंकेटिंग कोड (डीएसी) को दर्ज करना होगा। कंपनियों का कहना है कि एप पर डीएसी दर्ज करने से लोकेशन भी दर्ज हो जाएगी ताकि सिलेंडर सही व्यक्ति तक पहुंच जाए।

इसके साथ तेल कंपनियों ने गैस एजेंसियों को डिजिटल पेमेंट (भुगतान) का भी लक्ष्य दिया है। बड़े शहरों में एक जुलाई से कम से कम 60 फीसदी उपभोक्ताओं का डिजिटल पेमेंट होना चाहिए। छोटे शहरों में सितंबर से कम से कम पचास फीसदी डिजिटल पेमेंट होना चाहिए। इसमें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी शामिल नहीं हैं।

डिलिवरी करने वालों को आ रही दिक्कत

पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ से जारी इन दिशानिर्देशों की वजह से घर पर सिलेंडर पहुंचाने वाले कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। एक गैस एजेंसी के प्रबंधक ने कहा कि कोरोना की वजह से लोग सिलेंडर भी घर के बाहर रखवा लेते हैं। ऐसे में डिलिवरी बॉय को उपभोक्ताओं को डिजिटल बुकिंग और पेमेंट के बारे में समझाना मुश्किल हो रहा है जबकि तेल कंपनियों ने दो माह का लक्ष्य दिया है। कंपनियों को समय का ध्यान रखना चाहिए।