Vikrant Shekhawat : Sep 22, 2024, 08:39 PM
Arvind Kejriwal News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जंतर-मंतर पर आयोजित ‘जनता की अदालत’ में हिस्सा लेकर केंद्र की सत्ताधारी पार्टी, बीजेपी, पर तीखा हमला किया। इस कार्यक्रम में केजरीवाल ने न केवल अपने राजनीतिक अनुभव साझा किए, बल्कि जेल से रिहाई के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कारण भी स्पष्ट किए। आइए, केजरीवाल के भाषण की कुछ प्रमुख बातें जानते हैं।1. अन्ना आंदोलन की यादकेजरीवाल ने अपनी बात की शुरुआत अन्ना हजारे के आंदोलन का जिक्र करते हुए की, जो 4 अप्रैल 2011 को जंतर-मंतर से शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि उस समय की सरकार भी आज की तरह ही अहंकारी थी।2. ईमानदारी से चुनाव जीतने का उदाहरणउन्होंने अपने चुनावी सफर को याद करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने बिना पैसे के चुनाव लड़ा और पहली बार में ही दिल्ली में सरकार बनाई। यह साबित किया कि ईमानदारी से भी चुनाव लड़ा जा सकता है।3. दिल्ली की विकास योजनाएँकेजरीवाल ने अपने शासन में दिल्ली में की गई कई विकास योजनाओं का उल्लेख किया, जैसे कि 24 घंटे बिजली की उपलब्धता और फ्री शिक्षा। उन्होंने कहा कि ये सुविधाएं केवल उनके शासन के दौरान संभव हो पाईं।4. इस्तीफे का कारणउन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि वे सत्ता के लिए नहीं आए थे। उनका उद्देश्य देश सेवा करना था। उनका मानना था कि सत्ता का लालच उन्हें नहीं है।5. जेल से लौटने के बाद की सोचजेल से रिहाई के बाद केजरीवाल ने ठान लिया था कि जब तक कोर्ट उन्हें बरी नहीं कर देता, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।6. व्यक्तिगत स्थितिकेजरीवाल ने अपनी व्यक्तिगत स्थिति पर भी प्रकाश डाला, यह बताते हुए कि उन्हें दिल्ली में कोई घर नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले 10 सालों में केवल जनता का प्यार कमाया है।7. बीजेपी पर हमलेउन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह देश में डर और लालच की राजनीति कर रही है। उन्होंने पूछा कि क्या यह देश के लिए खतरा नहीं है।8. आरएसएस का सवालकेजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से सवाल किया कि क्या वह नहीं सोचते कि वर्तमान राजनीतिक स्थिति देश के लिए खतरा है, जब मोदी सरकार दूसरी पार्टियों को धमकाकर गिरा रही है।9. जनता की अदालत का महत्वउन्होंने ‘जनता की अदालत’ को एक ऐसा मंच बताया जहाँ आम लोगों की आवाज को सुना जा सके। यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, जिससे वे सीधे जनता से जुड़ सके।10. भविष्य की योजनाएँकेजरीवाल ने यह भी बताया कि नवरात्रि के बाद वे मुख्यमंत्री आवास छोड़ देंगे और नए निवास की योजना बनाएंगे।निष्कर्षअरविंद केजरीवाल का यह संबोधन न केवल राजनीतिक विचारों का संग्रह था, बल्कि उनकी व्यक्तिगत यात्रा और राजनीतिक सिद्धांतों को उजागर करता है। उनकी बातें न केवल उनके कार्यकाल की उपलब्धियों को रेखांकित करती हैं, बल्कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर भी गंभीर सवाल उठाती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे भविष्य में क्या कदम उठाते हैं और कैसे अपनी पार्टी को आगे बढ़ाते हैं।