हैदराबाद / मुझे मेरी मस्जिद वापस चाहिए: अयोध्या फैसले पर ओवैसी

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या ज़मीन विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आउटलुक मैगज़ीन से कहा है, "हमारी लड़ाई ज़मीन के टुकड़े के लिए नहीं थी, यह हमारे कानूनी अधिकारों को सुनिश्चित कराने को थी।" उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि मस्जिद बनाने के लिए कोई मंदिर नहीं तोड़ा गया। मुझे मेरी मस्जिद वापस चाहिए।"

Live Hindustan : Nov 16, 2019, 10:27 AM
अयोध्या के दशकों पुराने विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को आखिरकार फैसला सुनाया। फैसले में जहां विवादित जमीन राम लला के मंदिर के लिए सौंप दी गई वहीं मुस्लमानों को मस्जिद बनाने के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन देने की बात कही गई। ऐसे में कोर्ट के इस फैसले को कई जगह पूरी तरह स्वीकार किया गया। लेकिन अब एआईएमआईएम के अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी ने फैसले पर टिप्पणी की है। उन्होंने एक निजी मैगजीन में खुद से जुड़ी एक खबर को कोट करते हुए लिखा- मुझे अपनी मस्जिद वापस चाहिए।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असंतुष्टि जताते हुए कहा था कि मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं। साथ ही मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ओवैसी ने ये कहकर मानने से इनकार कर दिया कि हम खैरात की जमीन नहीं ले सकते। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका निजि विचार है, मगर सुन्नी वक्फ बोर्ड को इसका फैसला लेना है कि वह इस जमीन के प्रस्ताव को मानते हैं या नहीं। 

बता दें  बीते 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अयोध्या पर अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कह दिया कि अयोध्या की विवादित ढांचे वाली जमीन पर मंदिर बनेगा। वहीं इसके बादले मस्जिद के लिए मुस्लिमों को सरकार पांच एकड़ जमीन उपयुक्त स्थान पर देगी। फैसले के बाद शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा और सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी गई।