Ayodhya Deepotsav: अयोध्या में दीपोत्सव का शुभारंभ हो चुका है, और इस बार यह आयोजन एक विशेष उपलब्धि के साथ साथ आया है। 55 घाटों पर एक साथ 25 लाख 12 हजार 585 दीये जलाकर राम की पैड़ी को जगमग कर दिया गया है, जिसने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक नया नाम दर्ज कराया है। यह पल अयोध्या के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि यह पहली बार है जब रामलला की उपस्थिति में स्थानीय लोगों ने दीवाली मनाई है।
अद्वितीय महाआरती का आयोजन
दीपोत्सव की शुरुआत से पहले 1100 अर्चकों ने सरयू नदी की महाआरती की, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। इस दौरान अयोध्या में श्रद्धालुओं की एक विशाल भीड़ इकट्ठा हुई, जो राम की पैड़ी पर इस भव्य आयोजन का आनंद ले रही थी। अयोध्या की गलियों में भक्ति संगीत गूंज रहा था, और भक्तजन अपने-अपने मोबाइल कैमरों में इस अनोखे पल को कैद कर रहे थे।
राम की पैड़ी की भव्य सजावट
राम की पैड़ी इस बार दुल्हन की तरह सजाई गई थी, जहाँ सरयू के घाट दीपों की रोशनी से जगमग कर रहे थे। जब 25 लाख दीये जलाए गए, तो यह दृश्य मनमोहक था। लोगों ने इस क्षण को अपने सोशल मीडिया पर साझा किया और इसकी तस्वीरें क्लिक कीं।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज उपलब्धियाँ
इस दीपोत्सव में दो महत्वपूर्ण रिकॉर्ड बने हैं। एक तो 1,121 लोगों ने एक साथ सरयू तट पर आरती की, और दूसरे 25 लाख 12 हजार 585 दीयों को जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय पर्यटन-संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कई अन्य मंत्री उपस्थित रहे।
आधे घंटे में जलाए गए 25 लाख दीये
जैसे ही सूरज ढला, राम की पैड़ी पर रंग-बिरंगी इलेक्ट्रिक लाइटें चमकने लगीं। पूरी अयोध्या नगरी भक्ति संगीत से गुंजायमान हो गई। 30,000 वालंटियर्स ने पहले से ही 25 लाख दीपक बिछाने का कार्य पूरा कर लिया था, और फिर शाम को केवल आधे घंटे में सभी दीयों को प्रज्वलित किया गया।
संत समाज की प्रतिक्रिया
दीपोत्सव के इस आठवें वर्ष में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए 30 सदस्यीय टीम ने दीपों की गणना की थी। संत समाज ने इस आयोजन की सराहना की है और कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार ने अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है। इससे संत समाज में खुशी का माहौल है।
हर साल नए रिकॉर्ड का बनना
योगी आदित्यनाथ सरकार के गठन के बाद 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया गया था, और तब से यह हर साल अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है। पिछले साल 22 लाख 23 हजार दीपक जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया था। इस बार अवध विश्वविद्यालय और अन्य कॉलेजों के छात्रों ने इस आयोजन की तैयारी में मेहनत की थी, जिसका परिणाम भी शानदार निकला।अयोध्या का यह दीपोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है। यह न केवल अयोध्या बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है, और यह हर साल लोगों के दिलों में एक नई आशा और उत्साह जगाता है।