Vikrant Shekhawat : Jun 22, 2021, 10:34 AM
पाकिस्तान | रह-रहकर अचानक ही कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अगर कश्मीर मसला निपट जाए तो परमाणु हथियारों की पाकिस्तान को जरूरत नहीं होगी। इमरान ने यह बात एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में कही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार उसकी प्रतिरोधक क्षमता हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं। 'मैं परमाणु हथियारों के खिलाफ'उन्होंने आगे कहा कि मैं पूरी तरह से परमाणु हथियारों के खिलाफ हूं और हमेशा से रहा हूं। हमने भारत के खिलाफ तीन युद्ध किए हैं और जब से हमने परमाणु हथियार रखा है, तब से दोनों देशों के बीच कोई युद्ध नहीं हुआ है। हमारी सीमा पर झड़पें हुई हैं लेकिन हमारे बीच दोबारा कभी युद्ध नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा, अगर अमेरिका चाहे तो कश्मीर मसला सुलझ सकता है। जैसे ही कश्मीर पर समझौता हो जाएगा, दोनों पड़ोसी देश अच्छे से रहेंगे। हमें परमाणु हथियार रखने की आवश्यकता नहीं होगी।'पड़ोसी देश 7 गुना बड़ा हो तो चिंता होगी ही'इमरान ने कहा- स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास जनवरी 2020 में 165 परमाणु हथियार थे जबकि भारत के पास 160 थे। इमरान ने कहा, मैं नहीं जानता कि सिपरी को परमाणु हथियारों से संबंधित सूचना कहां से मिली। जहां तक परमाणु हथियारों का सवाल है, ये आक्रमण की चीज नहीं होते हैं। भारत की ओर इशारा कर इमरान ने कहा कि जब पड़ोसी देश आपसे 7 गुना बड़ा हो, तब कोई देश क्या कर सकता है। तब उसे अपनी सुरक्षा की चिंता करनी ही होती है।'भारत-पाक के संबध तब सामान्य होंगे जब...'बता दें कि हाल ही में पीएम इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के अपने अगस्त 2019 के फैसले को वापस नहीं ले लेती। 'चीन दोस्त है, उससे बंद कमरे में बात करते हैं'इंटरव्यू में जब इमरान से चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार पर पाकिस्तान की चुप्पी पर सवाल किया गया तो इमरान ने कहा, इन मसलों पर चीन के साथ बात हुई है। चीन मुश्किल वक्त का हमारा सबसे बड़ा दोस्त है। इसलिए हम उसके साथ बंद दरवाजों के भीतर बात करते हैं। आप देखिए फलस्तीन, लीबिया, सीरिया, सोमालिया, अफगानिस्तान में अशांति फैली हुई है। हमारी सीमा पर ही क्या हो रहा है। क्या कश्मीर एक मुद्दा नहीं है। इन सभी की अनदेखी नहीं की जा सकती।