विश्व / इमरान की मंत्री बोलीं- फौज और अदालतें हमारी प्रवक्ता, विपक्ष अपने बारे में सोचे

जलवायु परिवर्तन मंत्री जरताज गुल ने रविवार को एक टीवी डिबेट शो में सेना और अदालतों को सरकार का प्रवक्ता बता दिया। इसके बाद विपक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान खान से गुल के बयान पर सफाई मांगी है। गुल ने यह बयान मौलाना फजल-उर-रहमान के आजादी मार्च पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि विपक्ष को अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि इमरान सरकार का कुछ नहीं बिगड़ने वाला।

Dainik Bhaskar : Nov 04, 2019, 02:19 PM
इस्लामाबाद | पाकिस्तान सरकार की एक महिला मंत्री के बयान पर सियासी घमासान छिड़ गया। जलवायु परिवर्तन मंत्री जरताज गुल ने रविवार को एक टीवी डिबेट शो में सेना और अदालतों को सरकार का प्रवक्ता बता दिया। इसके बाद विपक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान खान से गुल के बयान पर सफाई मांगी है। गुल ने यह बयान मौलाना फजल-उर-रहमान के आजादी मार्च पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि विपक्ष को अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि इमरान सरकार का कुछ नहीं बिगड़ने वाला। 

फौज हमारी प्रवक्ता और इस पर हमें गर्व

जरताज गुल के इस बयान पर पाकिस्तान में सियासी बयान तेज हो गई। गुल ने रविवार को ‘समा टीवी’ के एक टॉक शो में हिस्सा लिया। इसमें नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की नेता अज्मा बुखाली और जमीयत-उलेमा के हाजी गुलाम अली भी थे। एक सवाल के जवाब में जरतात ने विपक्ष को सरकार गिराने की चुनौती दे दी। कहा, “हम बड़े गर्व से कहते हैं कि चाहे देश की अदालतें हों या फिर हमारी फौज। ये सब हमारा काम ही कर रहे हैं। ये दोनों विभाग हमारे प्रवक्ता हैं। मौलान तो 13वें नंबर के खिलाड़ी हैं जो अपने बेटे के भविष्य को बनाने के लिए आजादी मार्च निकाल रहे हैं।”

विपक्ष पर आरोप

पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया में यह आरोप लगाया जाता है कि इमरान खान फौज की मदद से सत्ता पर काबिज हो पाए हैं। सेना ने वक्त-वक्त पर उनकी सरकार बचाकर यह साबित भी कर दिया है। तस्वीर उस वक्त और साफ हो गई जब सेना ने अर्थव्यवस्था संभालने के लिए कारोबारियों के धमकाना शुरू कर दिया। इमरान के हर विदेशी दौरे पर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा उनके साथ होते हैं। गुल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसकी तोहमत विपक्ष पर डाल दी। कहा, “नवाज शरीफ और दूसरे विपक्षी नेता सच्चाई अच्छी तरह जानते हैं। इन्हीं लोगों की वजह से हमारी फौज और अदालतों की इज्जत कम हुई। इन दोनों संगठनों को विवादास्पद बना दिया गया।”