Vikrant Shekhawat : Sep 26, 2020, 05:07 PM
नई दिल्ली। पुरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस माहामारी के मामले भारत में 50 लाख का आंकड़ा पार कर चुके हैं। ओर अभी भी देश कोरोना वायरस की मार झेल रहा है। इसी बीच ब्रिटिश जर्नल लैंसेट ने कोरोना के प्रति भारत में कड़े रुख और साइंस पर निर्भरता ना दिखाने पर प्रशंसा की है। हालांकि ब्रिटिश पत्रिका ने कहा है कि भारत में कोरोना की स्थिति भयावह है और दिनों-दिन मामले बढ़ते जा रहे हैं।लैंसेट ने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान क्षेत्रीय स्तर पर लोगों को सुरक्षा मुहैया करवाई गई। इस दौरान बड़ी संख्या में वेंटिलेटर का इंतजाम भी किया गया। इतना ही नहीं कोरोना के टेस्टिंग मामले में भी भारत ने प्रशंसनीय भूमिका अदा की है। ओर आज भारत कोरोना की वैक्सीन बनाने में बड़े देशों के साथ खड़ा है। ओर पत्रिका ने यह भी कहा कि कोरोना से देश में आय में कमी और भुखमरी की बढ़ती समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया।लांसेंट ने कहा- बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हुई पत्रिका ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कई प्रवासी मजदूरों के घर वापसी से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हुई है। साथ ही बताया कि देश में अप्रैल-जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट देखी गई है। 'लैंसेट' का कहना है कि कोरोना की स्थिति खतरनाक होते देख देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मीडिया ओर संपादकों के साथ बातचीत कर कहा की देश में नकारात्मकता सोच ओर सुचना दोनो से ही बचने का संदेश दिया, कोई भी नकारात्मक सुचना ना फैलाई जायै ओर लांसेट ने इसकी सराहना की है