नई दिल्ली / रूस की तेल कंपनी रोसनेफ्ट से अधिक कच्चा तेल आयात कर सकता है भारत: पेट्रोलियम मंत्री

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सऊदी अरब का तेल उत्पादन घटने के बाद भारत रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ाएगा। उन्होंने कहा, "रोज़नेफ्ट के सीईओ इगोर सेशिन से मुलाकात में तेल आयात की संभावनाओं पर चर्चा की।" दरअसल, भारत की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी का परिचालन करने वाली नायरा एनर्जी में रोज़नेफ्ट की 49.13% हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि इसे पीएम मोदी के रूस जाने से पहले इस योजना को तैयार कर लिया जाएगा।

AMAR UJALA : Sep 18, 2019, 01:41 PM
मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रोसनेफ्ट के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर इगोर इवानोविच सेशिन से मुलाकात की। पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत की चार तेल कंपनियां रूस की ऑयल फील्ड ईस्टर्न क्लस्टर में निवेश बढ़ाने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस जाने से पहले इस योजना को तैयार कर लिया जाएगा।

इससे पहले खबर आई थी कि भारत ने वैश्विक तेल बाजार को संतुलित रखने के लिए रूस से तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का दबाव डाला है। भारत ने कच्चे तेल की पर्याप्त आपूर्ति और कीमतों को उचित स्तर पर बनाए रखने के मकसद से यह कदम उठाया है।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीन दिन की रूस यात्रा के दौरान रूस के ऊर्जा मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक से मुलाकात की थी। तब प्रधान ने बैठक के बाद ट्वीट में कहा था कि, 'नोवाक और मैंने पूरे तेल एवं गैस सहयोग की समीक्षा की।' 

प्रधान ने ट्वीट में लिखा था कि, 'रूस के ऊर्जा मंत्री नोवाक के साथ वैश्विक तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार - चढ़ाव को लेकर चर्चा हुई। यह उपभोक्ता और उत्पादक दोनों देशों के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है।'

83 फीसदी तेल आयात करता है भारत 

भारत अपने कच्चे तेल की जरूरतों का 83 फीसदी आयात करता है। इसका करीब 85 फीसदी हिस्सा ओपेक देशों से आता है। इसके अलावा, भारत 80 फीसदी गैस भी इन्हीं देशों से आयात करता है। भारत का मानना है कि ओपेक की कच्चे तेल की कीमतों और उपलब्धता को निर्धारित करने में रूस की बड़ी भूमिका है।