AMAR UJALA : Sep 18, 2019, 01:41 PM
मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रोसनेफ्ट के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर इगोर इवानोविच सेशिन से मुलाकात की। पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत की चार तेल कंपनियां रूस की ऑयल फील्ड ईस्टर्न क्लस्टर में निवेश बढ़ाने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस जाने से पहले इस योजना को तैयार कर लिया जाएगा।इससे पहले खबर आई थी कि भारत ने वैश्विक तेल बाजार को संतुलित रखने के लिए रूस से तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का दबाव डाला है। भारत ने कच्चे तेल की पर्याप्त आपूर्ति और कीमतों को उचित स्तर पर बनाए रखने के मकसद से यह कदम उठाया है।पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीन दिन की रूस यात्रा के दौरान रूस के ऊर्जा मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक से मुलाकात की थी। तब प्रधान ने बैठक के बाद ट्वीट में कहा था कि, 'नोवाक और मैंने पूरे तेल एवं गैस सहयोग की समीक्षा की।'
प्रधान ने ट्वीट में लिखा था कि, 'रूस के ऊर्जा मंत्री नोवाक के साथ वैश्विक तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार - चढ़ाव को लेकर चर्चा हुई। यह उपभोक्ता और उत्पादक दोनों देशों के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है।'83 फीसदी तेल आयात करता है भारत भारत अपने कच्चे तेल की जरूरतों का 83 फीसदी आयात करता है। इसका करीब 85 फीसदी हिस्सा ओपेक देशों से आता है। इसके अलावा, भारत 80 फीसदी गैस भी इन्हीं देशों से आयात करता है। भारत का मानना है कि ओपेक की कच्चे तेल की कीमतों और उपलब्धता को निर्धारित करने में रूस की बड़ी भूमिका है।Union Minister of Petroleum, Dharmendra Pradhan: Four Indian companies are planning to increase investment in Russian oil field Eastern cluster. The framework for this will be ready before PM Modi's visit to Russia. We discussed enhancing crude oil import from current 2-2.5 MMT https://t.co/IapertF6AQ
— ANI (@ANI) September 17, 2019