Live Hindustan : Nov 14, 2019, 01:17 PM
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत, चीन व रूस धुएं और अपने इंडस्ट्रीयल प्लांट को लेकर कुछ भी नहीं कर रहे। ये लोग समुद्र में कूड़ा फेंकते हैं तो बह कर यहां लॉस एंजिल्स में आता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन को एक जटिल मुद्दा बताते हुए कहा कि वह खुद को एक पर्यावरणविद के तौर पर कई मायनों में ऐसा मानते हैं, और कई मायनों में नहीं। ट्रम्प ने मंगलवार को न्यूयॉर्क के इकोनॉमिक क्लब में कहा कि मैं जलवायु में बहुत अधिक हूं। लेकिन मैं ग्रह पर सबसे स्वच्छ हवा चाहता हूं और मुझे स्वच्छ हवा पानी चाहिए।उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका इस संधि से पीछे इसलिए हट गया क्योंकि ये एकतरफा,भयावह और आर्थिक रूप से अनुचित थी। उन्होंने कहा कि तीन साल के भीतर अपने व्यवसायों को बंद कर दिया। फ्राक मत करो, ड्रिल मत करो, हम कोई भी ऊर्जा नहीं चाहते हैं। खतरनाक पेरिस जलवायु समझौते ने अमेरिकी नौकरियों को मार दिया और विदेशी प्रदूषक को ढाल दिया।ट्रंप ने कहा कि कि पेरिस समझौता, अमेरिका के लिए एक आपदा था। उन्होंने आगे कहा कि इस यह सौदा अमेरिका के विनाश के खरबों और खरबों डॉलर का परिणाम होगा। ट्रंप ने दर्शकों के बीच कहा कि यह बहुत अनुचित है। यह चीन के लिए 2030 तक किक नहीं मारता है। रूस 1990 के दशक में वापस चला जाता है, जहां आधार वर्ष दुनिया में सबसे गंदा साल था। भारत, हम उन्हें पैसे देने वाले हैं क्योंकि वे एक विकासशील राष्ट्र हैं। मैंने कहा कि हम भी एक विकासशील राष्ट्र हैं।